वैचारिक संप्रेषण का सशक्त माध्यम हैं कला प्रस्तुतियाँ : निरंजन पंडा
कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के अखिल भारतीय लोककला विधा संयोजक निरंजन पंडा के गढ़वा आगमन पर एक परिचयात्मक बैठक का आयोजन बंधन मैरेज हॉल, नवादा मोड़ गढ़वा में किया गया। बैठक की अध्यक्षता संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई के अध्यक्ष मदन प्रसाद केशरी ने की। कार्यक्रम में जिले के कला, साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।
अखिल भारतीय लोककला विधा संयोजक निरंजन पंडा ने अपने संबोधन में कहा कि कला के विविध माध्यम जन-जन तक विचारों के संप्रेषण का सबसे प्रभावी साधन हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कला साधकों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। पंच प्रण को आधार बनाकर कला प्रस्तुतियों की संरचना करना और उन्हें अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना समय की आवश्यकता है। पंडा ने कहा कि कला का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को दिशा देना और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करना भी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत बौद्धिक प्रशिक्षण प्रमुख ज्वाला तिवारी ने कहा कि गढ़वा की मिट्टी में राष्ट्रीयता की भावना प्रारम्भ से ही रची-बसी है। स्वतंत्रता संग्राम में यहाँ के वीर क्रांतिकारियों—शहीद नीलांबर और शहीद पीतांबर—के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने अतुलनीय योगदान देकर इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि आज भी समाज को संगठित करने और राष्ट्रभाव जागृत करने में कला महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
एकल अभियान गढ़वा जिला सचिव एस.एस. वर्मा ने बताया कि गढ़वा जिला कभी लाख उत्पादन और व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। यहाँ निर्मित लाख देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक भेजी जाती थी। उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला बाबा बंशीधर की विशिष्ट पहचान और जनजातीय कला-संस्कृति के कारण सदैव चर्चा में रहा है।
संस्कार भारती छत्तीसगढ़ प्रांत के संगीत विधा संयोजक पवन कुमार पांडेय ने कहा कि वनवासी क्षेत्रों में जाकर कला के माध्यम से समाज को जोड़ने और उनकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता है। पांडेय ने कहा कि जनजातीय कला भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जिसे मुख्यधारा तक पहुँचाना महत्वपूर्ण है।
बैठक में संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई के संरक्षक विजय सोनी, आरएसएस के जिला प्रचारक वासुकीनाथ, लॉ कॉलेज की प्राध्यापिका जयपूर्णा विश्वकर्मा, डॉ. राम ईश्वर विश्वकर्मा, कराटे प्रशिक्षक मनोज संसाई, संतोष पुरी, रंगकर्मी अरविंद कुमार मेहता, आस्था मेहता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती झारखंड प्रांत के कला धरोहर संयोजक नीरज श्रीधर ‘स्वर्गीय’ ने किया।
