लातेहार जिला
महुआडांड़ प्रखंड
सोनू कुमार
त्योहारों की छुट्टी में बढ़ती है पर्यटकों की भीड़, लेकिन बारिश में क्षतिग्रस्त हुए पर्यटक स्थल पड़े हैं बंद
महुआडांड़ (लातेहार) महुआडांड़ एवं गारू प्रखंड स्थित लोध जलप्रपात एवं सुग्गा बांध राज्य और देश भर में पर्यटक स्थल के रूप में मशहूर है। जहां खास तौर पर छुट्टी के दिनों में पर्यटकों की भारी भीड़ होती है। लेकिन पिछले कई हफ्तों से यह पर्यटक स्थल बंद पड़े हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में हुए लगातार बारिश के दौरान पर्यटक क्षेत्र में जल भराव के करण पहुंच मार्ग एवं चढ़ाई मार्ग पर बनी रेलिंग, लकड़ी से बने आकर्षक शेड समेत झरने के बीच बना लकड़ी का ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे पर्यटकों के आवागमन के रास्ते असुरक्षित हो गए थे। जिसके बाद से वन विभाग एवं पर्यटक मित्रों के द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटक स्थल के मेंन गेट को लॉक करते हुए, पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी गई है। वही अभी तक इन पर्यटक क्षेत्र पर मरमती का कार्य शुरू नहीं हो सका है। ज्ञात हो कि त्योहारों की छुट्टी पर इन पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की काफी भीड़ जमा होती है। जिससे यहां के स्थानीय लोगों के साथ यहां कार्यरत पर्यटक मित्र को भी लाभ मिलता है। लोध जलप्रपात एवं सुग्गा बांध के 35 ईडीसी के सदस्य सहयोग के लिए उपस्थित होते हैं, जो पर्यटकों के आवागमन पर ही आश्रित है। वही इस जगह पर दर्जनों दुकानें भी है। जहां से लोगों को आय का स्रोत मिलता है। पिकनिक स्पॉट के रूप में सुग्गा बांध पर्यटकों की पहली पसंद है जहां हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द पर्यटन क्षेत्र में मरम्मती का कार्य किया जाए। ताकि आने वाली त्योहारों की छुट्टी एवं दिसंबर, जनवरी के महीने में पर्यटकों को किसी प्रकार का असुविधा न हो, और प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे। इस संबंध में वन क्षेत्र के पदाधिकारी उमेश कुमार दुबे ने बताया कि भारी बारिश में चढ़ाई मार्ग पर बने रेलिंग, झरनों के बीच बने ब्रिज एवं पर्यटकों के लिए बने लकड़ी के शेड क्षतिग्रस्त हो गए है। पहुंच मार्ग भी असुरक्षित हो गया है जिसके कारण सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटक स्थल पर पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी गई थी। जल स्तर अभी भी काफी बढ़ा हुआ है जिससे इसकी मरम्मती कार्य करना भी मुश्किल है। पर्यटक स्थलों का निरीक्षण करने के बाद इसे खोलने के लिए जो वैकल्पिक व्यवस्था होगी उस पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीण, पर्यटक मित्रों ईडीसी से विचार विमर्श कर इसे शुरू कराया जाएगा। इन पर्यटक को क्षेत्र तक पहुंच मार्ग भी काफी क्षतिग्रस्त हो गया है जिस पर रेंजर उमेश कुमार दुबे ने बताया कि आवागमन के लिए सड़के भी दुरुस्त कराई जाएगी।