सूरत में मजदूरी करने गए युवक अफजल अंसारी की बुखार से मौत, शव पहुंचते ही घघरी गांव में मचा कोहराम
रामानन्द प्रजापति
गढ़वा ज़िले के सगमा प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत घघरी गांव में उस समय गहरा मातम छा गया जब गांव के 24 वर्षीय अफजल अंसारी के निधन की खबर गांव पहुंची। अफजल अंसारी, सहादन अंसारी का पुत्र था और परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए गुजरात के सूरत शहर में मजदूरी करने गया था।परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह अपनी मेहनत और पसीने से घर का खर्च चलाने का सपना संजोए हुए था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
दिन मंगलवार को सूरत से यह खबर आई की अफजल को बुखार के कारण मौत हो गई। जैसे ही यह मौत के खबर घर पहुंची तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मां-बाप के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे, वहीं गांव के लोग भी इस दर्दनाक घटना से गहरे सदमे में हैं। अफजल घर का सबसे बड़ा सहारा था। उसकी मौत के बाद अब परिवार के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि घर की जिम्मेदारी कौन संभालेगा।
गांव में अफजल की ईमानदारी और मिलनसार स्वभाव की खूब चर्चा होती थी। युवा उम्र में ही उसने घर का सहारा बनने का सपना देखा था, लेकिन उसकी मौत ने उस सपने को अधूरा कर दिया। शव के गांव पहुंचने के बाद लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई नम आंखों से उसे अंतिम विदाई देने पहुंचा।
अफजल अंसारी की असामयिक मौत ने यह संदेश दे दिया कि प्रवासी मजदूरों की जिंदगी कितनी असुरक्षित होती है। आज घघरी गांव में सिर्फ एक ही सवाल गूंज रहा है – "अब घर का उजाला कौन बनेगा?" इस दौरान घर पहुंचकर कर प्रखंड प्रमुख अजय साव,दीपक यादव, राजेश यादव, शैलेंद्र यादव, उदय चंद्रवंशी, राकेश यादव, सहित कई लोगो नें घर के परिजनों को ढांढस बढ़ाया।