गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट
देशभक्ति का रंग- राष्ट्रीय ध्वज देश का तिरंगा हिंदुस्तान का स्वाभिमान है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के निर्माण यात्रा पर जीएन कॉन्वेंट स्कूल में परिचर्चा एवं प्रदर्शन संपन्न।
स्थानीय जीएन कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के निर्माण यात्रा का प्रस्तुति की गई।
सभा में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए विद्यालय के निदेशक सह शिक्षाविद मदन प्रसाद केसरी ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं तीन रंगों की खेती पत्तियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है इसकी अभिकल्पना पिंगली वेंकैया ने की थी इस 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था इसमें तीन सामान चौड़ाई की 36 पत्तियां हैं जिनमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की ताकत और शहर को दर्शाती है बीच में श्वेत पट्टी जो शांति और सत्य का परिचायक है और नीचे गहरे रंग की पट्टी देश के शुभ विकास और उर्वरता हरियाली को दर्शाती है सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है इसमें 24 तिलिया होती हैं इस बात का प्रतीक है कि भारत निरंतर प्रगतिशील है इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है तथा इसका रूप सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ के शहर के सिर्फ फलक के चित्र में दिखने वाले की तरह होता है ध्वज की लंबाई चौड़ाई का अनुपात 3:2 है भारतीय राष्ट्रीय ध्वज अपने आप में ही भारत की एकता शांति समृद्धि और विकास को दर्शाता हुआ प्रतीत होता है राष्ट्रीय झंडा नृत्य कारण के अनुसार झंडा कड़ी में ही बनना चाहिए यह एक विशेष प्रकार से काटे गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था इन सभी विशेषताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता है
भारतीय ध्वज संगीता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण भी होता है पर चर्चा के दौरान सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज 1904 को फहराया गया था पहले राष्ट्रीय ध्वज को कोलकाता ध्वज या कमल ध्वज के नाम से भी कहा जाता है। राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश का स्वाभिमान और गौरव होता है।जिसमें भारत अपने ध्वज के साथ भारतीय संस्कृति और परम्परा का वाहक है।यह ध्वज राष्ट्र की अखंडता और सम्प्रभुता को दर्शाता है और सम्पूर्ण राष्ट्र में रहनेवाले अलग अलग समुदायों को एक सूत्र में बांधने का काम करता है। राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में बच्चों को झण्डागीत सुनाया और गायन किया गया। कार्यक्रम का संचालन और विषय प्रवेश उपप्राचार्य बसन्त ठाकुर जबकि धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षक संतोष प्रसाद ने की।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक वीरेन्द्र साह, कृष्ण कुमार, जूनियर विंग के इंचार्ज खुर्शीद आलम, परेड इंचार्ज मुकेश भारती, विकास कुमार, दिनेश कुमार, नीरा शर्मा, नीलम कुमारी, सुनीता कुमारी, सरिता दुबे, शिवानी कुमारी, रागिनी कुमारी, चन्दा कुमारी, ऋषभ श्रीवास्तव, पूजा प्रकाश, आदि की भूमिका सराहनीय रही।