कॉफी विद एसडीएम" में अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों के साथ हुआ संवाद Garhwa

गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट 

कॉफी विद एसडीएम" में अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों के साथ हुआ संवाद
मानकों के अनुरूप अल्ट्रासाउंड सेवाएं न होना जन-स्वास्थ्य के लिए खतरनाक : एसडीएम
सिविल सर्जन में सभी केंद्र संचालकों को नियम पालन करने का निर्देश दिया
गढ़वा। आज सदर एसडीएम संजय कुमार के नियमित संवाद कार्यक्रम "कॉफी विद एसडीएम" में अनुमंडल क्षेत्र के लगभग दो दर्जन अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों के साथ अनौपचारिक संवाद किया। कार्यक्रम के दौरान सदर अनुमंडल क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ. कैनेडी भी उपस्थित रहे। सिविल सर्जन ने सभी केंद्र संचालकों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि सभी लोग अल्ट्रासाउंड संचालन के लिए निर्धारित नियमों का कठोरता से पालन करेंगे। उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई तय है।
कार्यक्रम के दौरान अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से उनकी व्यावहारिक समस्याओं की जानकारी ली गई तथा प्रशासन की अपेक्षाओं से उन्हें अवगत कराया गया।
एसडीएम संजय कुमार ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। दोनों अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि बिना योग्य चिकित्सक कोई भी अल्ट्रासाउंड जांच नहीं की जाएगी, क्योंकि यह आमजन के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ प्रत्यक्ष विषय है इसमें खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं होगा।
केंद्र के मुख्य द्वार के बाहर लगायें सीसीटीवी
सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों के मुख्य द्वार पर तथा अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश भी दिए गए, इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और नियमों का पालन सुनिश्चित हो सकेगा। ताकि जरूरत पड़ने पर इस बात का भी प्रमाण संभव हो सके कि अल्ट्रासाउंड केंद्र से संबद्ध चिकित्सक उनके यहां नियमित रूप से आते भी हैं या नहीं।
एसडीएम ने उपस्थित संचालकों को कानून के अनुरूप कार्य करने और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की।
यथासंभव चिकित्सक के परामर्श पर ही करें अल्ट्रासाउंड
सिविल सर्जन डॉक्टर जॉन एफ कैनेडी ने सभी केंद्र संचालकों से कहा कि वे सेल्फ या मौखिक अनुरोध पर किसी मरीज का अल्ट्रासाउंड करने से बचें, विशेष कर गर्भवती महिलाओं के मामले में तो चिकित्सीय परामर्श पर्चे के बाद ही अल्ट्रासाउंड करें।
रजिस्टर और फॉर्म एफ का नियमित संधारण करें
एसडीएम तथा सिविल सर्जन ने उपस्थित सभी सदस्यों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने अल्ट्रासाउंड केंद्र में आये मरीजों की विवरणी का समुचित संधारण करें, गर्भवती महिलाओं से संबंधित अल्ट्रासाउंड के लिए निर्धारित फार्म एफ का प्रेषण भी समय-समय पर सिविल सर्जन कार्यालय को करते रहें।

 एक डॉक्टर दो केंद्रों से ज्यादा में सेवायें न दें
सिविल सर्जन ने कहा कि नियमानुसार एक चिकित्सक को अधिक से अधिक दो केंद्रों में अपनी अल्ट्रासाउंड संबंधी सेवाएं देनी चाहिए किंतु धरातल में इसका अनुपालन नहीं हो पा रहा है और कई बार तो देखने में आ रहा है कि एक-एक डॉक्टर कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों में अपना नाम दिए हुए हैं। और तो और अन्य जिलों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ऐसा मामला सामने आने पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है।

सभी केंद्र अपने चिकित्सकों को भी उपस्थापित करें
एसडीएम ने कहा कि ज्यादातर केंद्रों में जाने पर उनके चिकित्सक वहां नहीं मिलते हैं, इसलिए प्रमाणित ही नहीं हो पाता है कि वह डॉक्टर वास्तव में वहां सेवाएं दे रहे हैं या नहीं। इसलिए उन्होंने सभी केंद्र संचालकों को आपस में विचार विमर्श कर एक महीने के अंदर कोई एक तिथि निर्धारित करते हुए अपने-अपने डॉक्टर को सिविल सर्जन कार्यालय या अनुमंडल कार्यालय में आयोजित बैठक में उपस्थित होने को कहें ताकि संबंधित डॉक्टर से भी आवश्यक बातचीत की जा सके। 
लिंग परीक्षण नहीं करने की शपथ ली गई
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी सदस्यों ने शपथ ली कि वे समाज हित में किसी भी गर्भवती महिला के भ्रूण का लिंग परीक्षण नहीं करेंगे न ही ऐसी जानकारी देंगे। उक्त के संदर्भ में सिविल सर्जन ने सभी को सामूहिक शपथ दिलवाई। 

सहभागिता
बैठक में अनुमंडल क्षेत्र के लगभग दो दर्जन अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों ने भाग लिया। इनमें से प्रमुख रूप से डॉक्टर कुमार निशांत सिंह, डॉक्टर पतंजलि कुमार केसरी, डॉक्टर अरशद अंसारी, डॉक्टर नाथुन साह, डॉक्टर जितेंद्र कुमार, युसूफ अंसारी, शशिकांत दुबे, नवनीत कुमार चौबे, देवेंद्र कुमार, अयूब अंसारी, बृजेश कुमार पांडेय, डॉक्टर पुष्पा सहगल, रविकांत, डॉक्टर दीपक पांडेय, डॉक्टर रागनी, डॉक्टर उमेश्वरी आदि ने अपने विचार रखे।

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