साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी(गढ़वा): बरसात का बारिश शुरू होते ही मुख्य बाजार का हाल हुआ नरकीय
जी हां हम बात कर रहे हैं प्रखंड मुख्यालय स्थित कांडी मुख्य बाजार की हम सभी जानते हैं की वर्षा ऋतु का शुभागमन हो चुका है और बारिश की शुरुआत होते ही सड़कों की स्थिति बद से बत्तर होना शुरू हो चुका है वर्षा की हाल की बारिश होते ही कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार का सड़क नालियों में तब्दील हो चुकी है बताते चलें कि कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित यह बाजार यहां प्रखंड मुख्यालय के आसपास के करीब 20 गांवो का मुख्य बाजार लगता है जहां से लोग अपने रोजाना के जरूरतो का सामान का खरीद बिक्री करते हैं बताते चलें की यह बाजार क्षेत्र की आबादियों के अनुरूप लोगों से भरा हुआ रहता है यहां हजारों से अधिक लोग बाजार करने के साथ-साथ यहां से आवागमन करते हैं बताते चले की प्रखंड मुख्यालय का यह एक ऐसा जगह है जहां से कांडी से शुरू होकर गढ़वा, डाल्टनगंज, रांची, सहित कई अन्य जगहों के लिए बस और टेंपो से लोग आवागमन करने के लिए पहुंचते हैं मैं बात कर रहा था मुख्य बाजार स्थित सड़क का सड़क का हाल हल्की बारिश में भी बद से बत्तर और नरकीय हो जाती है बारिश होने के बाद गाड़ी और मोटर वाहन तो दूर यहां पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है प्रखंड मुख्यालय के आसपास के इलाकों में अगर ऐसा स्थित है तो चलो मान लिया जाए की अधिकारियों और नेताओं की निगाह इस पर नहीं पड़ी हो लेकिन प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार का सड़क का इस तरह से बद से बत्तर होना दुर्भाग्य की बात है कांडी प्रखंड के युवा मुखिया विजय राम के अथक प्रयासों के बाद मुख्य बाजार में नाली का काम करवाया गया है लेकिन उतना काम इस नारकीय स्थिति को ठीक करने के लिए पर्याप्त नहीं है अब मैं बात करूं मुखिया की तो मैं बता दूं मुखिया के पास उतना भी फंड नहीं होता जिससे वह इस नारकीय स्थिति को ठीक कर सकें क्योंकि एक मुखिया होने के नाते उन्हें पंचायत के बाकी के गांव के भी विकास पर काम करना होता है ऐसे में कांडी पंचायत के युवा मुखिया विजय राम के अथक प्रयास से लगातार यह कोशिश की जा रही है की मुख्य बाजार की स्थिति को सुधार कर और बेहतर बनाया जाए जैसा कि हमने बताया मुखिया के पास इतना भी फंड नहीं होता कि वह एक बार में सभी चीजों को ठीक कर सके लेकिन अगर इस समस्या पर क्षेत्र के विधायक, नेता, मंत्री, सांसद की थोड़ी भी निगाह होती तो आज प्रखंड मुख्यालय की स्थिति इतनी दयनीय नहीं होती मुख्य बाजार की सड़क का इतना दुर्दशा नहीं होती अफसोस की बात तो यह है जब चुनाव नजदीक आता है तो नेताओं के द्वारा बहुत बड़े-बड़े भाषण दिया जाता है बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन जब चुनाव खत्म हो जाता है तो वही नेता फिर जनता के बीच में उनका हाल जानने का कोशिश नहीं करते ऐसे में भोली भाली जनता ठगा हुआ महसूस करता है आखिर यह जनता किसके पास जाए अपना दुखड़ा किसे सुनाएं जिसे यह सोचकर अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया कि उनके आने के बाद शायद स्थिति में सुधार और बदलाव आए लेकिन वही नेता कुर्सी मिलने के बाद भोली भाली जनता को ठगने का काम करते आज प्रखंड मुख्यालय स्थित इस मुख्य सड़क का यह दुर्दशा इस बात का प्रमाण देता है नेताओं को केवल वोट बैंक की राजनीति करनी होती है चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र की जनता किस स्थिति में है उससे उनका कोई मतलब नहीं होता और जब चुनाव नजदीक आता है तो फिर एक नए वादे के साथ एक नए जुमले के साथ जनता के बीच में आ जाते हैं आखिर यह ठगने और ठगाने का सिलसिला कब तक चलता रहेगा प्रखंड मुख्यालय के इस मुख्य सड़क से प्रतिदिन अधिकारियों और पदाधिकारी की गाड़ियां आती जाती रहती है लेकिन बहुत अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है की अभी तक किसी ने भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया कांडी की जनता और कांडी मुख्य बाजार का यह सड़क यूं कहें की राह तक रहे हैं की कास कोई आता और इस नारकीय स्थिति से मेरा उद्धार करता लेकिन जनता का यह सवाल सवाल ही रह गया अब तक कोई भी इसका शुद्ध लेने नहीं पहुंचा।