सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बिरसा मुंडा के नाम का उपयोग करती है भाजपा : धीरज दुबे Garhwa

गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट 

सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बिरसा मुंडा के नाम का उपयोग करती है भाजपा : धीरज दुबे 
गढ़वा :  झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य सह प्रवक्ता धीरज दुबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के नाम का उपयोग सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए करते हैं, परंतु सही मायने में भगवान बिरसा मुंडा से भाजपा को कोई लेना देना नहीं है। धीरज दुबे ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेताओं ने बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर कोई श्रद्धांजलि अर्पित नहीं की। उन्होंने कहा कि यह पार्टी की आदिवासी समाज के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। धीरज दुबे ने यह भी कहा कि भाजपा ने आदिवासी नेताओं को सम्मानित करने की बजाय उन्हें नजरअंदाज किया है। 

गढ़वा जिले में भगवान बिरसा मुंडा की एक भी प्रतिमा स्थापित नहीं थी। पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर आधुनिक पार्क का निर्माण कराया गया, उसमें उनकी प्रतिमा भी लगाई गई।
लेकिन 15 साल शासन करने वाली भाजपा और उनके विधायक को भगवान बिरसा मुंडा का प्रतिमा लगाना तो दूर उनके पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित करना भी जरूरी नहीं लगता है।

 श्री दुबे ने कहा कि झारखंड के महान आदिवासी क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाई गई। परंतु भाजपा के लोगों ने यहां तक कि स्थानीय विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने भी कहीं भी भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर  माल्यार्पण करना भी  मुनासिब नहीं समझा। चुनाव के दौरान झारखंड में प्रधानमंत्री सहित भाजपा के जितने भी बड़े-बड़े नेता आते हैं, सभी लोग धरती आबा को याद करते हुए, धरती आबा के नाम की दुहाई देते हुए अपने कार्यक्रम को करते हैं। परंतु चुनाव जीत जाने के बाद न तो धरती आबा को और नहीं उनकी धरती झारखंड को याद रखते हैं। आज तक प्रधानमंत्री ने धरती आबा की याद में झारखंड को कुछ भी नहीं दिया। भाजपा के लोग सिर्फ चुनाव के दौरान ही भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हैं। इसे यह साबित होता है कि भाजपा का चरित्र कैसा है।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा आदिवासी वोटों को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयासों में जुटी हुई है। धीरज दुबे के आरोप ने भाजपा की आदिवासी नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित न करना भाजपा की आदिवासी समाज के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। भा.ज.पा. को चाहिए कि वह आदिवासी नेताओं को सम्मानित करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें।

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