सोनपुरवा में हुआ चौधरी जेनरल एंड लकवा हॉस्पिटल का शुभारंभ
चार घण्टे के भीतर इलाज होने से पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है लकवा : डॉ सचिन
गढ़वा : जिला मुख्यालय के रेहला रोड, हरिहरा पुल के पास सोनपुरवा में चौधरी जेनरल एंड लकवा हॉस्पिटल का शुभारंभ किया गया। हॉस्पिटल का उद्घाटन स्थानीय विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी एवं राँची के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ सचिन कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। बतौर मुख्य अतिथि श्री तिवारी ने कहा कि डॉ कुलदेव चौधरी किसी नाम के मोहताज नहीं हैं। इन्होंने चिकित्सीय कार्य के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य करते आ रहे हैं। अक्सर देखा गया है कि मरीजों के पास पैसा रहे न रहे इलाज तुरन्त शुरू करते हैं। साथ ही कुछ गरीब एवं असहाय मरीजों को निःशुल्क इलाज भी करते रहते हैं। डॉ कुलदेव चौधरी अतिसुदुरवर्ती क्षेत्र से आनेवाले मरीजों के दुःख दर्द को भलीभाँति समझते हैं। इनका सपना है कि पैसों के अभाव में किसी की मौत न हो बल्कि उन्हें बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। डॉ चौधरी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं। वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ सचिन कुमार सिंह ने कहा कि लकवा, जिसे चिकित्सीय भाषा में पैरालाइसिस कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के एक या अधिक भागों में मांसपेशियों की गति और संवेदना प्रभावित होती है। यह स्थिति आमतौर पर मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी में चोट या बीमारी के कारण होती है, जिससे तंत्रिका संकेतों का संचार प्रभावित होता है। लकवा प्रकार में सेरेब्रल पाल्सी, फेशियल पैरालाइसिस, हेमिप्लेजिया (एक तरफा लकवा), पैराप्लेजिया (दोनों पैरों का लकवा), क्वाड्रिप्लेजिया (चारों अंगों का लकवा) शामिल है। इसे सही समय पर पहचान कर विशेषज्ञ चिकित्सक के देख रेख में उचित इलाज करवाना चाहिए। जिला मुख्यालय में लकवा हॉस्पिटल खुलने से रोगी के बीमारी की पहचान लक्षण, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि से तुरंत पता किया जा सकता है।
हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ कुलदेव चौधरी ने कहा कि जेनरल बीमारी का इलाज तो हर जगह सम्भव है परंतु लकवा का इलाज एक सीमित समय जिसे गोल्डन आवर कहते हैं अगर समुचित इलाज हो जाये तो पूरी तरह लकवा मरीज ठीक हो सकता है। अक्सर देखा जाता है कि राय सलाह लेने में, झाड़फूंक के चक्कर में या हॉस्पिटल की दूरी होने के कारण मरीज को सही समय पर नहीं लाने की वजह से बीमारी गम्भीर होते चला जाता है और जितना देरी होता है उतना शरीर का भाग प्रभावित होते चला जाता है। इसे ठीक होने में भी बहुत ज्यादा समय लग जाता है इसलिए इस बीमारी में समय का काफी महत्व है इस पर ध्यान देने की जरूरत है। जितना जल्दी प्राथमिक उपचार होगा उतना ही जल्दी मरीज लकवा से निजात पाते चला जायेगा। डॉ चौधरी ने यह भी कहा कि हमारा प्रयास है कि निःशुल्क परामर्श, रहना खाना मुफ्त हो ताकि मरीज के अटेंडेंट पर ज्यादा बोझ न पड़े। मौके पर सेवानिवृत्त महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रागिनी अग्रवाल, मझिआंव प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोविंद प्रसाद सेठ, मेराल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ वीरेन्द्र कुमार, सदर हॉस्पिटल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ टी पीयूष, डॉ जे पी ठाकुर, डॉ अतुल्य शंकर मिश्रा, भाजपा नेता अलखनाथ पांडेय, ज्ञान निकेतन के निदेशक मदन प्रसाद केशरी, गढ़वा मध्य जिला पार्षद सुमन देवी, बरडीहा जिला पार्षद अर्चना प्रकाश, मझिआंव जिला पार्षद धर्मेन्द्र कुमार सिंह, विधायक प्रतिनिधि दिनेश चौधरी, विधायक प्रतिनिधि बसंत चौधरी, जरही मुखिया महेन्द्र चौधरी, गुरहा कला मुखिया राधा कृष्ण साव, चेचरिया मुखिया प्रतिनिधि राजेन्द्र चौधरी, आदर के पूर्व मुखिया सुदामा चौधरी, सरिता देवी, पूर्व रमना उप प्रमुख रविन्द्र कुमार चौधरी, समाजसेवी दौलत सोनी, मिथिलेश कुमार पासवान, रविकांत पाल, अधिवक्ता बचनदेव चौधरी, रजनीश चौबे, रेलवे गार्ड अनिल कुमार चौधरी भूतपूर्व प्राचार्य प्रयाग तिवारी, सेवानिवृत्त शिक्षक गोपीचंद चौधरी, शिक्षक कमलेश चौधरी, सुनील सिंह, अमित कुमार सिंह, राजेश चौधरी, दिनेश चौधरी, लालबिहारी चौधरी, चंद्रदेव चौधरी, समाजसेवी सुमेर चौधरी, चंचल कुमार रवि, संतोष चौधरी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।