अंचलाधिकारी एवं अन्य कर्मियों पर घोर लापरवाही का लगाया आरोप Kandi

साकेत मिश्रा की रिर्पोट 
कांडी। कांडी प्रखंड के चटनिया पंचायत अंतर्गत घोड़दाग गांव में दो भाइयों ने अंचलाधिकारी एवं अन्य कर्मियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। घोड़दाग निवासी दामोदर यादव और जगदीश यादव, पिता मुलुर यादव, ने बताया कि वर्षों से उनके घर से मुख्य सड़क तक जाने वाला एक कच्चा रास्ता मौजूद है, जिसका पुराना खाता संख्या 137 एवं प्लॉट संख्या 80 है। नया खाता संख्या 240 तथा प्लॉट संख्या 640 और 650 में यह रास्ता दर्ज है, जो बिहार सरकार के खतियान में पत्थर चट्टान किस्म की भूमि के रूप में अंकित है।
पीड़ितों के अनुसार, 250 मीटर लंबा और 5 फीट चौड़ा यह सार्वजनिक रास्ता वर्षों से दोनों भाइयों के आवागमन का मुख्य साधन रहा है। आरोप है कि गांव के ही रामपति यादव, रामगति यादव और गहन यादव ने उक्त रास्ते को अपनी निजी भूमि बताकर रास्ते को जबरन अवरुद्ध कर दिया है, जिससे पीड़ितों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।

इस संबंध में दामोदर यादव और जगदीश यादव ने न्यायालय अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीओ) के समक्ष आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी। एसडीओ के निर्देश पर कांडी अंचलाधिकारी को विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था। लेकिन पीड़ितों का आरोप है कि अधिकारी गांव का निरीक्षण करने के बावजूद बिना विवादित स्थल का मुआयना किए ही विपक्षी पक्ष से बयान लेकर लौट आए और पीड़ित पक्ष से कोई बात तक नहीं की।
पीड़ित भाइयों ने मीडिया के माध्यम से आरोप लगाया कि दबंगई प्रवृत्ति के लोग उन्हें धमकाते हुए कहते हैं, "शेर का बच्चा कभी सियार नहीं बन सकता", और न्यायालय के आदेश के बावजूद रास्ता अवरुद्ध किए हुए हैं।पीड़ितों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने और रास्ता सुचारू रूप से बहाल कराने की मांग की है।
जब इस संबंध में कांडी अंचलाधिकारी से फोनीक संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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