साकेत मिश्रा की रिर्पोट
गढ़वा/कांडी: प्रखंड क्षेत्र में चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं और व्रतियों में आस्था और उत्साह जोरो पर देखने को मिल रहा है।
सोमवार से ही व्रतियों के द्वारा बड़े श्रद्धा से पूजन सामग्री की खरीददारी करते देखा जा रहा। आज मंगलवार को विधिवत स्नान ध्यान के साथ तीन दिनों तक चलने वाला ये छठ महा व्रत का शुभारभ कर दिया गया है।व्रतियों के द्वारा इन दिनों कद्दू भात बनाया जाता है।और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। व्रतियों के द्वारा पवित्र भोजन करने के बाद शुद्ध मन से व्रत का संकल्प लिया जाता है। इन दिनों चावल दाल और कद्दू का विशेष महत्व है। शुद्धता के साथ प्रसाद को तैयार कर इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता है।तथा बताते चलें की छठ एक ऐसा व्रत है जहां उगते हुए डूबते हुए सूर्य को अधर्य देकर इसका शुभारंभ किया जाता है।तथा उगते हुए सूर्य को अधर्य देकर व्रत को समाप्त किया जाता है।
यह पर्व बिहार,झारखंड,और उत्तर प्रदेश का का प्रमुख पूजा माना जाता है। यहां छठ पूजा को लेकर भक्तों में ऐसा दीवानापन देखा जाता है। की लोग अपने जॉब तक छोड़ कर अपने अपने गांव आ जाते हैं कुछ ऐसा छठ को लेकर दीवानगी झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड में में भी देखने को मिलती है जहां सु प्रसिद्ध पर्यटक स्थल एवं सतबहिनी झरना तीर्थ में देखने को मिलती जहां झारखंड बिहार छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य जगहों से श्रद्धालु छठ के लिए आते हैं इस समय मानो सतबहिनी दुल्हन के तरह सजी रहती हैं ऐसा माना जाता है। की इस प्रसिद्ध अस्थल पर सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना मां सतबहिनी पूर्ण करती हैं लोगों पुजारियों और पूरे जिले सहित कई अन्य जगहों के लोगों का मानना है की यहां सच्चे हृदय से जो भी मनोकामना मांगो ओ पूरी होती है। वहीं कुछ ऐसा ही कांडी प्रखंड मुख्यालय अवस्थित छठ घाट कांडी पोखरा पर भी श्रद्धालुओं के द्वारा काफी भारी मात्रा में व्रत किया जाता हैं
बताते चलें की प्रखंड के भीलमां गांव स्थित पंडी नदी सहित कोयल नदी छठ घाट तथा सोन नदी छठ घाट पर भी श्रद्धालुओं के द्वारा बड़े ही आस्था के साथ और धूम धाम से छठ का व्रत किया जाता है।