झारखंड आंदोलनकारी विजय ठाकुर ने दिसोम गुरु शिबू सोरेन को दी भावभीनी श्रद्धांजलि, कहा – "हम सब अनाथ हो गए हैं" Garhwa

झारखंड आंदोलनकारी विजय ठाकुर ने दिसोम गुरु शिबू सोरेन को दी भावभीनी श्रद्धांजलि, कहा – "हम सब अनाथ हो गए हैं"


गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट
झारखंड आंदोलन के प्रणेता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय कोयला मंत्री तथा राज्यसभा सांसद परम आदरणीय दिसोम गुरु शिबू सोरेन (गुरुजी) के आकस्मिक निधन से पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। इस बीच गढ़वा जिले के वरिष्ठ झारखंड आंदोलनकारी विजय ठाकुर ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

विजय ठाकुर ने कहा, "गुरुजी मेरे लिए सिर्फ एक राजनीतिक गुरु नहीं, बल्कि पिता तुल्य अभिभावक और प्रेरणास्रोत थे। मैंने 23 वर्ष की उम्र में उनके मार्गदर्शन में झारखंड आंदोलन में कूदकर गढ़वा जिले में झामुमो के जनाधार को मजबूत करने का काम किया। गुरुजी के हर आदेश को हमने सिर आंखों पर लिया और हर आंदोलन को सफल बनाने का प्रयास किया।"

विजय ठाकुर ने बताया कि जब जिला प्रशासन द्वारा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार होते थे, तब गुरुजी हमेशा हमारे साथ खड़े रहते थे और अधिकारियों को चेताते थे कि झामुमो के साथ सौतेला व्यवहार न किया जाए।

उन्होंने कहा, "गुरुजी ने हमें एक अहम 'गुरुमंत्र' दिया था — प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों के आसपास सक्रिय रहो, और यदि कोई आम नागरिक निराश होकर लौटे तो उसे साथ लेकर अधिकारी से पूछो कि उसका काम क्यों नहीं हो रहा। इससे न केवल जनता का कार्य हुआ बल्कि पार्टी की साख भी बढ़ी।"

विजय ठाकुर ने कहा कि गुरुजी के निधन से राज्य के सभी झारखंड आंदोलनकारियों को अपूरणीय क्षति हुई है। "अब हम सब अपनी व्यथा किससे कहेंगे? अब हम अनाथ हो गए हैं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।" – इन भावनाओं के साथ उन्होंने गुरुजी को शत-शत नमन किया।

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