गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट
एसडीओ ने सदर प्रखंड और कल्याणपुर पंचायत का किया निरीक्षण
अबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा आदि योजनाओं कि की समीक्षा
गर्मी में सभी जल मीनारें संचनालनात्मक स्थिति में रहनीं चाहिए : एसडीओ
गढ़वा। उपायुक्त श्री शेखर जमुआर के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी सदर संजय कुमार ने सोमवार को गढ़वा सदर प्रखंड कार्यालय एवं कल्याणपुर पंचायत क्षेत्र का औचक दौरा कर योजनाओं का निरीक्षण किया। प्रखंड और पंचायत स्तर पर सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की क्रियान्वयन की स्थिति को लेकर समीक्षा के क्रम में कई आवश्यक निर्देश दिए गए।
सर्वप्रथम उन्होंने गढ़वा प्रखंड कार्यालय पहुंचकर प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं उनकी पूरी टीम के साथ बैठक कर विभिन्न स्वीकृत, लंबित एवं पूर्ण योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली तथा लंबित योजनाओं के कार्यों को समय रहते पूर्ण करने का निर्देश दिया, वहीं योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनाई जा रही प्रक्रिया को लेकर भी कई जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ प्रखंड के सभी कार्यालय कर्मचारियों के अलावा तकनीकी कर्मचारी एवं क्षेत्रीय कर्मचारी भी मौजूद थे। उन्होंने अबुआ आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा आदि योजनाओं की समीक्षा की।
प्रखंड स्तरीय बैठक करने के बाद एसडीओ ने कल्याणपुर पंचायत भवन पहुंचकर पंचायत के मुखिया एवं संबंधित पंचायत स्तरीय कर्मचारियों के साथ बैठक कर विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। मनरेगा योजनाओं की कुछ संचिकाओं की पड़ताल करते हुए प्रक्रियात्मक त्रुटियों को सुधारने का निर्देश दिया।
योजनाओं का भौतिक निरीक्षण किया
एसडीओ श्री कुमार ने पंचायत स्तर पर चल रही विभिन्न योजनाओं का प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं मुखिया की उपस्थिति में निरीक्षण किया। जिन योजनाओं का निरीक्षण किया गया उनमें तीन जल मीनार, एक बिरसा कूप योजना, एक पशु शेड, एक अबुआ आवास एवं एक दशगात्र शेड शामिल हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में नियमों का अक्षरश: पालन किया जाए। अधूरी योजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण करने तथा पूर्ण हो चुकी योजनाओं को संचालनात्मक स्थिति में लाने का निर्देश दिया गया।
जल-मीनारें चालू हालत में रहें
पंचायत स्तर पर निरीक्षण के दौरान जो जल मीनारें देखी गईं वे सभी संचनालत्मक स्थिति में मिली, इस पर एसडीओ ने बीडीओ के माध्यम से अन्य पंचायतों को भी निर्देश दिया कि गर्मियों में सभी जल मीनारें संचालनात्मक स्थिति में होनी चाहिए क्योंकि गांव, गली और मोहल्लों में इन जल मीनारों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है। इस दौरान बीडीओ, बीपीओ, एई, जेई, मुखिया, रोजगार सेवक आदि मौजूद थे।