फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत रणपुरा में दवा वितरण, ग्रामीणों को जागरूक किया गया Garhwa

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत रणपुरा में दवा वितरण, ग्रामीणों को जागरूक किया गया
रंका, 17 फरवरी: जिले में 10 से 25 फरवरी तक चल रहे फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत रंका अनुमंडल के विभिन्न गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा फाइलेरिया की दवा का वितरण किया जा रहा है। इसी क्रम में रंका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. असजद अंसारी के नेतृत्व में चिनिया प्रखंड के रणपुरा गांव में ग्रामीणों को दवा दी गई और फाइलेरिया से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई।
ग्रामीणों को दी गई आवश्यक जानकारी

दवा वितरण कार्यक्रम के दौरान डॉ. असजद अंसारी ने ग्रामीणों को फाइलेरिया रोग के लक्षण, कारण और रोकथाम के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी संक्रमण है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी हाथी पांव (लाइम्फेटिक फाइलेरियासिस) जैसी गंभीर समस्या पैदा कर सकती है, जिससे मरीज के अंगों में सूजन आ जाती है और वह स्थायी रूप से विकलांग भी हो सकता है।

सभी को दवा सेवन करने की सलाह

डॉ. अंसारी ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस अभियान के तहत निःशुल्क दी जा रही दवा का सेवन जरूर करें। उन्होंने कहा, "यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है और इससे कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इसे खाली पेट न लें, बल्कि भोजन के बाद ही लें।" उन्होंने कहा कि सरकार इस अभियान के माध्यम से फाइलेरिया को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है, इसलिए सभी को दवा का सेवन करना चाहिए।

घर-घर जाकर दवा वितरण कर रही स्वास्थ्य टीम

स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों को दवा दे रही है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस अभियान से वंचित न रहे। विशेष रूप से बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग इस दवा का सेवन न करें, लेकिन बाकी सभी को इसे जरूर लेना चाहिए।

फाइलेरिया से बचाव के लिए दी गई ये जरूरी सलाह

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों को फाइलेरिया से बचने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि—
✔ घर और आसपास की सफाई पर ध्यान दें।
✔ रुके हुए पानी को जमा न होने दें, क्योंकि वहां मच्छर पनपते हैं।
✔ सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
✔ गर्मियों में पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।

स्वास्थ्य विभाग ने किया सहयोग

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रही, जिसमें कई स्वास्थ्यकर्मी और आशा कार्यकर्ता शामिल थे। उन्होंने गांव के लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के महत्व को समझाया और उन्हें इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

ग्रामीणों ने जताई खुशी

रणपुरा गांव के ग्रामीणों ने इस अभियान के प्रति अपनी सहमति और समर्थन व्यक्त किया। गांव के एक निवासी ने कहा, "हमने पहले इस बीमारी के बारे में ज्यादा नहीं सुना था, लेकिन अब हमें समझ आ गया है कि यह कितनी खतरनाक हो सकती है। सरकार जो दवा दे रही है, हम सभी इसे लेंगे और दूसरों को भी लेने के लिए कहेंगे।"

सरकार का लक्ष्य: फाइलेरिया मुक्त जिला

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस अभियान का लक्ष्य जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है। इस अभियान के तहत लाखों लोगों को दवा दी जाएगी, जिससे आने वाले वर्षों में इस बीमारी का खतरा पूरी तरह समाप्त हो सके।

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