गोविंद और ज्ञान निकेतन लगातार दूसरी बार फाइनल में Garhwa

गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट 

गोविंद और ज्ञान निकेतन लगातार दूसरी बार फाइनल में

 विवेकानंद अपने आदर्शों और विचारों के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं: एसडीओ
अपनी ऊर्जा का उपयोग सकारात्मक कार्यों में करे: अलखनाथ

गढ़वा जिला अंतर स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता सीनियर वर्ग 
गढ़वा 23 वी गढ़वा जिला अंतर स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग के सेमीफाइनल मैच में गोविंद हाई स्कूल ने बीपीडीएवी को 36 रन से हराकर लगातार वही दूसरे मैच में  ज्ञान निकेतन ने रामा साहू को 55 रन से हराकर लगातार दूसरी बार फाइनल  प्रवेश किया। पहले मैच में  गोविन्द स्कूल ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ओवर में इमरान के शानदार अर्धशतक 59 ओर गोलू के 27 रन के बदौलत पांच विकेट खोकर 145 रन बनाए। बीपीडीएवी की और से सत्यम ने तीन, प्रत्युष और विक्रांत ने एक एक विकेट लिया।जबाबी पारी खेलने उतरी बीपीडीएवी  निर्धारित ओवर में 109 रन ही बना पाई। बीपीडीएवी की ओर से प्रत्यूष ने 48 और विक्रांत ने 20 रन बनाए उक्त दोनों को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी दहाई अंक में प्रवेश नही कर सके। गोविन्द की और से आयुष ने तीन, दीपक और शफी ने दो दो विकेट लिया। वही दूसरे मैच में  ज्ञान निकेतन बेलचम्पा की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए  निर्धारित ओवर में सात विकेट पर शुभम के 30 रन और प्रियांशु के 18 रन के सहारे 113 रन बनाए। रामा साहू की ओर से कार्तिक ने चार ओर अभिनव ने दो विकेट लिया। 114 रन के लक्ष्य को लेकर खेलने उतरी रामा साहू की टीम दिव्य प्रकाश के 26 रन के सहारे निर्धारित ओवर में  रन ही बना पाई। ज्ञान निकेतन की टीम को 55 रन से जीतकर लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया।मैंन ऑफ द मैच का पुरस्कार गोविन्द के इमरान को और ज्ञान निकेतन के  शुभम को सदर एसडीओ  संजय कुमार पांडेय , गढ़वा जिला के पूर्ब खिलाड़ी दीपक,अनूप तिवारी, नवनीत शुक्ला, नितिन तिवारी,  कमलेश कुमार दुबे,प्रिंस सोनी,प्रणव शंकर झा, ने संयुक्त रूप से प्रदान किया। मैच से पूर्ब स्वामी विवेकानंद की जयंती मैदान में मनाया गया। मैच से पूर्ब सदर एसडीओ संजय कुमार पांडेय ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि कम संसाधन में बेहतर प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। स्वामी विवेकानंद अपने आदर्शों और विचारों के लिए भारत ही नहीं दुनियाभर में जाने जाते हैं। काफी कम उम्र उन्होंने अपने विचारों से अपनी एक अलग पहचान कायम कर ली थी। उनके विचार युवाओं को प्रेरित करने का काम करते हैं। इस वजह से इस दिन को युवा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। युवा देश का महत्वपूर्ण अंग हैं, जो देश को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। 
प्रतियोगिता के संरक्षक अलखनाथ पांडेय ने कहा  कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को  राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में 1984 से ही हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा आप सभी लोग भी युवा है। विवेकानंद जी ने कहा था, 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।' उन्होंने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उनका कहना था कि 'शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और आत्मनिर्भरता भी है।' उन्होंने कहा था कि 'युवाओं को अपनी ऊर्जा का उपयोग सकारात्मक कार्यों में करना चाहिए।

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