फोटो : क्लास पीरियड में सड़क पर घूमते स्कूल के बच्चे।
साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी : कभी अविभाजित पलामू जिला का प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान राजकीय कृत उच्च विद्यालय कांडी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं पूरे दिन विद्यालय अवधि में क्लास में कम सड़क पर ज्यादा नजर आते हैं। यह स्थिति सालों भर बनी रहती है। आसपास के दुकानदारों से लेकर ग्रामीणों ने बार-बार इस बात की शिकायत विद्यालय प्रबंधन एवं मीडिया से की है। इसकी जानकारी विभागीय एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी दी गई है। बावजूद इस रवैया में कोई सुधार नहीं हो रहा है। आखिर जब शिक्षक क्लास में पढ़ाते रहते हैं तो फिर किस प्रकार सैकड़ो की संख्या में बच्चे और बच्चियों विद्यालय के सामने सड़क से लेकर बाजार तक स्कूल ड्रेस में घूमते हुए नजर आते हैं। जिसे कोई भी विद्यालय की कार्य अवधि में देख सकता है। सबसे बड़ी बात है कि इस विद्यालय का गेट मेन रोड पर खुलता है। सड़क के पूरब की ओर हाई स्कूल के साथ जमा दो की कक्षाएं चलती हैं। जबकि सड़क से पश्चिम की ओर इसी विद्यालय के मिडिल सेक्शन की कक्षा एक से कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है। इसका नतीजा है कि छोटे बच्चों से लेकर बड़े बच्चे और बच्चियं भी सड़क पर नजर आती हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर कई लोगों ने बताया कि केवल बच्चे ही बाहर नहीं घूमते। बल्कि मजनुओं का भी स्कूल के सामने जमावड़ा लगा रहता है। जो मोटरसाइकिल लेकर इधर से उधर चक्कर लगाते या बैठे हुए नजर आते हैं। इसके साथ ही इस व्यस्त सड़क पर कई बार बच्चों को दुर्घटना का भी सामना करना पड़ा है। एक बार तो 12 - 13 साल का एक बच्चा इसी सड़क पर स्कूल के सामने एक्सीडेंट करके मर चुका है। लेकिन इस ओर विद्यालय प्रबंधन और विभागीय नियंत्री पदाधिकारी का कोई ध्यान नहीं है। पता ही नहीं चलता है कि कब स्कूल शुरू होता है और कब बंद होता है। इस स्थिति को लोगों ने पत्रकारों को बुलाकर सामने दिखाया। जिसकी पत्रकार ने तस्वीर ली और इसकी सूचना प्रधानाध्यापक के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी कैसर रजा को भी दी। कैसर रजा ने पत्रकार से मौके की तस्वीर मंगाई। जो उनको भेज दी गई। बावजूद इसके मामला बदस्तूर जारी है। इस सवाल पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक निरंजन शाह ने कहा कि पांच शिक्षकों सहित वे भी प्रशिक्षण में जिला मुख्यालय आए हैं। और स्कूल में मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भरा जा रहा है। उनसे बताया गया कि सालों भर की यही स्थिति है तो उन्होंने इसे मानने से