सुबह सवेरे, शनि परब कार्यक्रम" को पुनः आरंभ करने की मांग को लेकर मंत्री मिथलेश से मिले गढ़वा के कलाकार Garhwa

दया शंकर गुप्ता के नेतृत्व में स्थानीय कलाकारों का एक दल माननीय मंत्री पर्यटन कला संस्कृति खेलकूद युवा कार्य विभाग झारखंड के प्रभार ग्रहण करने के बाद माननीय मंत्री श्री मिथिलेश ठाकुर जी को उनके आवास पर जाकर बधाई दी तथा कला संस्कृति से जुड़े कलाकारों के हितकर कुछ मांगें भी रखा । 
प्रतिनिधि मंडल में पर्यटन कला संस्कृति खेल कूद एवं युवा कार्य विभाग के द्वारा कला साधकों के लिए चलाए गए पूर्व के कार्यों की सराहना करते हुवे एक बहुपयोगी प्रोग्राम  "सुबह सवेरे, शनि परब कार्यक्रम" को पुनः आरंभ करने के संदर्भ में अपनी मांग रखी। वही झारखंड सरकार के द्वारा कैबिनेट में पारित 80 वर्ष के वृद्ध कलाकार जो कला के प्रदर्शन में असमर्थ हो गए है उनके भरण पोषण हेतु 4 हजार रुपए मासिक पेंशन की कैबिनेट मंजूरी के बाद भी धरातल पर साकार नहीं हो सकी योजना का जिक्र करते हुवे वर्णित उम्र सीमा को कम करते हुवे अतिशीघ क्रियान्वयन कराने का आग्रह किया गढ़वा जिला समन्वयक दया शंकर गुप्ता ने कहा कि कलाकार की जिंदगी अधिकांशतः अभाव में ही गुजरती है ऐसे में 80 वर्ष तक पेंशन लेने के लिए जीवित रह पाएगा ये संभव नहीं। रांची से पधारे प्रांतीय समन्वयक श्री चंद्रदेव सिंह ने कहा कि कलाकारों के हक में कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं सरकार ने बनाई परंतु उसे धरातल पर उतार नहीं पाई है, कलाकार, कलासाधक वर्ग जीवन पर्यन्त अपनी सेवाओं से समाज में सांस्कृतिक चेतना जागते हुवे स्वस्थ मनोरंजन से लोगों के जीवन को सरस बनाने हेतु प्रयत्नशील रहता है परंतु सरकार की ओर से वो अपेक्षित सहयोग अभी तक नही पा सका है। पूरे प्रांत में कला, साहित्य, खेल कूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों को व्यापक रूप से सभी जिलों के बीच समन्वय के साथ बढ़ावा देने की जरूरत है। मानद सदस्य प्रमोद सोनी ने कहा कि झारखंड सरकार ने पूर्व में प्रांत के कलाकारों के हित में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। " सुबह सवेरे, शनि परब"  जिसमे प्रत्येक जिले के इसमें विशेष रुचि रखनेवाले व्यक्ति को जिला समन्वयक, तथा दो मानद सदस्य बनाकर जनसंपर्क विभाग के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया जाता था। इस कार्यक्रम में 4 टीमें भाग लेती थी प्रत्येक तीन से लगभग 10 कलाकार  यानी प्रत्येक सप्ताह कुल 40 लोग इससे लाभान्वित होते थे। सुबह सवेरे के अंतर्गत, प्रात्येक शनिवार को प्रातः में सुगम संगीत, भजन आदि की प्रस्तुति तथा शनि परब के अंतर्गत, संध्या में गीत संगीत, नाटक, तथा नृत्य की प्रस्तुति कुल चार ग्रुपों के माध्यम से की जाती थी जो जिले में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने को बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य था। मानद सदस्य विजय प्रताप देव ने कहा कि प्रांत के सभी जिले में एक साथ " सुबह सवेरे शनि परब" कार्यक्रम चलता था जिससे कलाकार वृंद बहुत ही उत्साहित थे कोविड के समय से इसके बंद हो जाने से काफी उदास है, इसे पुनः आरंभ कराने की जरूरत है
मौके पर अरुण कुमार पांडेय, बसंत कुमार, सुधांशु कुमार, सुबोध कुमार रविन्द्र कुमार आदि लोग उपस्थित थें 

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