5 लाख की अनएक्पायर सरकारी दवाएं फेंके जाने के मामले में कार्रवाई, 3 गिरफ्तार Kandi

5 लाख की अनएक्पायर सरकारी दवाएं फेंके जाने के मामले में कार्रवाई, 3 गिरफ्तार
मगरमच्छों को बचाने के लिए छोटी मछली को पकड़ा, असली अपराधी के पकड़े जाने तक जारी रहेगा आंदोलन : जिपस प्रतिनिधि दिनेश
साकेत मिश्रा की रिर्पोट 
कांडी : करीब 5 लाख की अन एक्सपायर सरकारी दवाएं फेंक दिए जाने के बहुचर्चित मामले में 138 दिनों के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जिला के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय के निर्देशानुसार एक टीम का गठन कर इस गंभीर मामले की जांच की गई। इस दौरान शिक्षा विभाग के कांडी बीआरसी कार्यालय से दवा फेके जाने का प्रमाण पाया गया। जिसमें बीआरसी के कंप्यूटर ऑपरेटर सुमंत राम की प्रमुख भूमिका बताई गई। सुमंत राम से पूछताछ के दौरान उन्होंने इसे अनभिज्ञता जताई। लेकिन साक्ष्य दिखाए जाने पर उन्होंने दवाएं फेके जाने का मामला स्वीकार कर लिया। पिक अप वाहन संख्या जेएच 03एस 0221 से दवाएं सतबहिनी मंदिर के पास फेंकी गईं थीं। पुछताछ में सुमंत राम ने बताया कि स्टेट टीम आनेवाली थी। इसलिए डर से दवाएं फेंकी गयी थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में सुमंत राम पिता स्व राम किशुन राम बहेरवा कांडी, मिथिलेश प्रसाद गुप्ता पिता विश्वनाथ प्रसाद (गाड़ी मालिक) खुटहेरिया कांडी व रामाशीष मेहता पिता सरयू मेहता (चालक) निवासी बुढ़ी़खांड़ मझिआंव का नाम शामिल है। मालूम हो कि 16 मार्च 2024 के के तड़के 3:00 बजे मीडिया को सूचना मिली कि सतबहिनी झरना तीर्थ के निकट गड्ढे में बड़े पैमाने पर सरकारी दवाएं फेंकी हुई हैं। इस समय हिंदुस्तान अखबार के कांडी प्रतिनिधि राम रंजन एवं उत्कल मेल के कांडी प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार पंडित मौके पर पहुंचे। जबकि दैनिक भास्कर के प्रतिनिधि ने सिविल सर्जन को सूचना देने का प्रयास किया। लेकिन फोन नहीं रिसीव किए जाने से बात नहीं हो सकी। पुन: कांडी थाना प्रभारी को इसकी सूचना दी गई। तत्काल कांडी थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर दवाओं को जप्त कर एक ट्रैक्टर अनएक्सपायर दवा तथा पुलिस की गाड़ी में 6 बोड़ा एक्सपायर दवाएं थाना ले गए। 18 मार्च को इस मामले को लेकर थाना कांड संख्या 26/24 भारतीय दंड विधान की धारा 409, 420, 427 एवं 120 बी तथा धारा 3 सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के तहत दर्ज की गई। बावजूद इसके कई महीनो तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। इस अवधि में यह गंभीर मामला बराबर मीडिया की सुर्खियों में बना रहा। दैनिक भास्कर ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को बराबर विभाग की चुप्पी एवं प्रकाशित खबरों से अवगत कराता रहा। प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने बराबर स्वास्थ्य विभाग से सहयोग मांगा। लेकिन सहयोग नहीं मिलने के बावजूद प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार पुलिस ने कार्रवाई की। इस बीच 11 जून 2024 को युवा समाजसेवी शशांक शेखर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कांडी अस्पताल पर  एकदिवसीय धरना देकर इस गंभीर मामले में शामिल अपराधियों के गिरफ्तारी की मांग की थी। जबकि शशांक शेखर ने भी सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचिव विनय कुमार चौबे एवं भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही से मुलाकात करके अपने स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की मांग की थी। हालांकि इस संबंध में कांडी उत्तरी क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य सुषमा कुमारी के प्रतिनिधि दिनेश कुमार ने कहा है कि मगरमच्छ को को बचाने के लिए छोटी मछली को पकड़ा गया है। ताकि इन्हें बलिदान देकर ऊपर वाले को बचाया जा सके। बीआरसी के सबसे छोटे कर्मचारी की मजाल नहीं है कि बिना अधिकारियों के आदेश के स्टोर में खाता बही के साथ रखी हुई ₹500000 की दवाएं अपने मन से जाकर फेंक दें। उन अधिकारियों को बचाने के लिए ही यह कार्रवाई की गई है। ताकि जनता का ब्रेन वॉशिंग किया जा सके। लेकिन जब तक उन मगरमच्छों को नहीं पकड़ा जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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