खरीदगी जमीन का कागजात दिखाकर कर लोगों को गुमराह कर रहे है मुखिया पति: ग्रामीण
फोटो- जानकारी देते रमकंडा सबाने गांव के ग्रामीण
गढ़वा। रमकंडा प्रखंड के सबाने गांव के आदिवासी परिवार के सदस्यों ने जिला प्रशासन से अविलंब उनके जमीन को कब्जा से मुक्त कराने की मांग की है। इस संबंध में ग्रामीणों ने बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की। ग्रामीणों ने कहा कि मुखिया पति राजकिशोर यादव की खरीदगी जमीन से उन्हें कोई लेना-देना नही है। मुखिया पति हमसभी ग्रामीणों का कब्जा किए हुए सात एकड़ भूमि को मुक्त करें। जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया पति अपना खरीदगी जमीन का कागजात दिखाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है। हमसभी सभी ग्रामीणों को जमीन का खाता 39, प्लॉट 205 कुल रकबा 43 एकड़ 75 डीसमिल भूमि में से सात एकड़ जमीन से ही मतलब है। ग्रामीणों ने कहा कि उक्त खाता-प्लॉट के कुल रकबा का सात एकड़ जमीन हमलोगों का है। जिसका खतियान, लगान और रसीद सहित अन्य कगजात है। लेकिन मुखिया पति उक्त जमीन का बात नही कर, अपना खरीदगी जमीन की चर्चा कर लोगों को गुमराह कर रहे है। ग्रामीणों ने कहा कि मुखिया पति पहले हमलोगों के जमीन पर ईट् बनाने का काम शुरू किए। उसके बाद वहीं जमीन में पहले से मौजूद बांध को तालाब बनवाया। ग्रामीणों ने कहा कि तालाब बनवाने के समय मुखिया पति ने कहा कि आपलोगों के जीवन-बसर के लिए तालाब का निर्माण करा रहे है। ताकि आप सभी ग्रामीण तालाब में मछली पालन कर अपना जीवकोपार्जन कर सके। तालाब निर्माण के दो साल तक मुखिया पति ग्रामीणों ने बिना पूछे तालाब में मछली डाल रहे है। इसके अलावा ग्रामीणों का सात एकड़ जमीन पर कब्जा भी कर लिए है। जब हम लोगों जमीन को कब्जा से मुक्त कराने के लिए डीसी को आवेदन सौंपा। उसके बाद मुखिया पति उक्त सात एकड़ जमीन की चर्चा नही कर अपना खरीदगी जमीन कागजात दिखाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे है। ग्रामीणों ने कहा कि हमलोगों के हित में जो भी लड़ाई लड़ेगा। सभी ग्रामीणों उसी के सहयोग में खड़ा रहेंगे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अविलंब मुखिया पति से जमीन का कब्जा मुक्त कराने की मांग की है। मौके पर सिंहराय मुंडा, रामसहाय मुंडा, जीता मुंडा, सोमा मुंडा, बुका मुंडा, महंगु मुंडा सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
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