जनेऊ के धागे ने सात समंदर से पार से खींच लाया अपना देश
रांची :
प्रो. एसपी सिंह बहुत खुश थे। उनके पुत्र कुणाल कौशल एवं पुत्रवधू आशुप्रिया झा अमेरिका से अपने बच्चों के साथ यहां आए हुए थे। बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार था। रिश्ते- नाते के लोग भी पहुंचे। घर पर जश्न का माहौल। जनेऊ के धागे ने आज पूरे परिवार को सात समंदर पार से खींचकर अपनी मातृभूमि पर ला दिया था। हर ओर खुशियां ही खुशियां।
प्रो. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह केबी काॅलेज, बेरमो से जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष के पद से 2020 में सेवानिवृत्त हैं। हरिहर सिंह रोड रांची में रहते हैं। उनके इकलौते पुत्र कुणाल कौशल एवं पुत्रवधू आशुप्रिया दोनों आइआइटियन हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद चार वर्षों तक विभिन्न साफ्टवेयर कंपनियों में सेवा दी। इसके बाद अमेरिका चले गए। फिर वहीं बस गए। लगभग 17 वर्षों से संयुक्त राज्य अमेरिका के नाॅर्थ कैरोलिना स्टेट में रह रहे हैं। अमेरिका की इन्वेस्टमेंट एवं इंश्योरेंस के क्षेत्र में बड़ी कंपनी 'फिडिलिटी' में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं। उनके दोनों बच्चें वहीं पढ़ाई करते हैं। देश से दूर रहकर भी परिवार अपनी संस्कृति एवं संस्कारों के प्रति पूर्णतः सजग है। बच्चों को अपने संस्कारों से अवगत कराने के लिए यहां धूमधाम से यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया। मोहराबादी स्थित संगम गार्डेन में गायत्री जयंती सह गंगा दशहरा के दिन यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया। गायत्री पद्धति से यज्ञोपवीत संस्कार हुआ। मौके पर दो दिनों तक सांसकृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। ऐसे आयोजन को देखना एवं इसमें भागीदारी बच्चों के लिए पहला अनुभव था। इस आयोजन ने परिवार में खुशियों की बहार ला दी। कुणाल कौशल की भाषा एवं माइथोलॉजी में विशेष रुचि है। उन्होंने अंग्रेजी में एक पुस्तक 'Women of Ramayan -The Untold Stories' लिखी है जिसमें उपेक्षित/निन्दित पांच महिला पात्रों को तथ्य के आधार पर विशेष सम्मान दिया गया है।इसे पठकों ने खूब सराहा है।
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पितृ दिवस पर बड़ा तोहफा
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि इस वर्ष के फादर्स डे का मुझे सबसे बड़ा तोहफा मिला है।बच्चों को शिक्षा देने के लिए तो बहुत सारे संस्थान हैं। आप धन संपत्ति भी बहुत अर्जित कर सकते हैं। लेकिन संस्कार की पाठशाला तो परिवार व समाज ही है। आज ये बच्चे यहां देखकर, सीखकर व अनुभव कर अपनी परंपरा एवं संस्कार को जी रहे हैं, कल आनेवाली पीढ़ी इसे आगे ले जाएगी।
प्रो सिंह 1980 से अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुड़े हैं।