गढ़वा : बेलचंपा के सौरभ का जेईई एडवांस में हुआ चयन
बिना किसी कोचिंग के घर से ही पढ़ाई कर पहले प्रयास में ही जेईई एडवांस्ड क्लियर किया सौरभ ने
आईआईटी-जेईई में ऑल इंडिया रैंक 8356 लाकर पूरे जिले को किया गौरवान्वित
गढ़वा | जिले के बेलचंपा गांव निवासी मनोज कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह व अंजली सिंह का पुत्र सौरभ कुमार सिंह ने जेईई एडवांस (आईआईटी) में सफलता प्राप्त की है। जेईई एडवांस (आईआईटी) जैसे देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजिनिरिंग प्रवेश परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 8356 के साथ सफलता प्राप्त कर सौरभ ने पुरे जिले को गौरवान्वित किया है। सौरभ की इस सफलता से गांव, घर-परिवार, पास-पड़ोस के लोगों में खुशी का माहौल है। इससे पूर्व इसी वर्ष सौरभ ने आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल रेहला से वर्ष 2024 की इंटरमीडिएट साइंस परीक्षा 97% अंकों के साथ उतीर्ण कर पलामू प्रमंडल टॉपर बना था। वहीं देशभर में आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल की 57 इकाइयों में भी इंटरमीडिएट साइंस में टॉपर है।
बिना किसी कोचिंग व ट्यूशन लिए सौरभ ने घर से ही 12 वीं की पढ़ाई के साथ ही जेईई एडवांश परीक्षा की भी तैयारी की और अपने पहले प्रयास में ही जेईई एडवांश परीक्षा में सफलता अर्जित की।अब रैंकिंग के अनुसार आवंटित आईईटी कॉलेजों से वह मैकेनिकल में इंजिनियरिंग करना चाहता है।
न्यू जेनरेशन को वह क्या संदेश देना चाहता है के बारे पर बारे में पूछने पर छात्र सौरभ ने बताया कि न्यू जनरेशन को वह यही संदेश देना चाहता है कि यह दो साल जो 11 वीं और 12 वीं की पढ़ाई है।उसमें खूब मेहनत के साथ अच्छे से पढ़ाई करनी चाहिए। यही 2 साल आपका फ्यूचर में मेजर रोल प्ले करता है। कोई जरूरी नहीं है कि आप बड़े कोचिंग संस्थान में दाखिला लेकर पढ़ाई करेंगे तभी आईआईटी-जेईई में चयन होगा। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी तमाम प्रकार के ऑनलाइन क्लासेस हैं जिससे आप घर बैठे ही तैयारी कर सकते हैं। इसका वह खुद एक उदाहरण है कि उसने कोई कोचिंग/ट्यूशन नहीं ली। इंटरमीडिएट परीक्षा के साथ साथ जेईई एडवांस्ड की भी तैयारी की और ऑनलाइन क्लासेस और खुद के मेहनत केबल पर घर से ही तैयारी कर जेईई एडवांस की परीक्षा में सेलेक्ट हुआ। उसने अपनी इस बड़ी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए बताया कि इंटरमीडिएट साइंस के साथ ही जेईई एडवांस्ड की परीक्षा से 4 माह पूर्व स्पेशली जेईई एडवांस की तैयारी की जो पढ़ाई थी उसमें मेरे माता-पिता का बड़ा रोल रहा है। जिन्होंने मेरा बहुत सपोर्ट किया। क्योंकि उसने कोई कोचिंग-ट्यूशन नहीं ली थी। ऑनलाइन क्लासेज के जरिए घर पर खुद से ही पढ़ाई कर रहा था। ऐसे में वह जब छोटे से छोटा काम में भी कभी डिमोटिवेट होता था तो मेरे माता-पिता मुझे मोटिवेट करते थे। वह जब देर रात तक पढ़ाई में जगता था तो सुबह मम्मी जगाती थी। इस दौरान मम्मी ने मेरा खूबसपोर्ट किया। पापा ने भी उतना ही सपोर्ट किया।