जीने के लिए सबसे जरूरी चीज पानी ही अभी तक कोई पलामू को नहीं दे सका : नीरज Kandi

जीने के लिए सबसे जरूरी चीज पानी ही अभी तक कोई पलामू को नहीं दे सका : नीरज

इस बार दगाबाजों से बचें, ममता भुइयां को भारी मतों से जिताएं
फोटो : जिलाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह। 

साकेत मिश्रा की रिर्पोट 
कांडी : अकूत प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण पलामू को कहने के लिए तो कई प्रतिनिधि पलामू से चुनकर लोकसभा में पहुंचे। लेकिन किसी ने भी पलामू की रोती बिलखती आवाज को लोकसभा में पेश करने की हिम्मत नहीं जुटाई। जीने के लिए सबसे जरूरी चीज पानी ही अभी तक कोई पलामू को नहीं दे सका। पता नहीं ये लोग किस विकास की बात करते हैं। जबकि पलामू की पूरी की पूरी धरती पुरातन काल से प्यासी है। काफी उपजाऊ एवं खनिज संपदा, वन संपदा, जल संपदा व जन संपदा से भरपूर यहां की रत्न गर्भा धरती परती पड़ी रह जाती है और यहां के नौजवान अपने परिजनों के पापी पेट का सवाल हल करने के लिए परदेस पलायन कर काफी खतरनाक परिस्थितियों में मजदूरी करते हुए कफन में लिपटकर घर वापस आ जाते हैं। यह सबको पता है कि पलायन करने वाले अधिकांश मजदूर भाइयों के पाले में पैसे से अधिक मौत आती है। बावजूद इसके उनकी पीड़ा का सही बयान किसी ने अभी तक देश की सर्वोच्च पंचायत में प्रस्तुत नहीं किया। दूसरी तरफ वास्तविकता के खुरदूरे धरातल की कड़वी सच्चाई यह है कि लोकसभा के लिए चुने हुए प्रतिनिधियों ने अपने सांसद कोटा का ही ईमानदारी से इस्तेमाल किया होता तो पलामू की धरती सोना उगल रही होती। लेकिन चुनाव जीतकर 5 साल तक कोटा, परमिट, लाइसेंस, वेतन, पेंशन, भत्ता, यात्रा कूपन, बेशुमार सुविधाएं और एसी का बेसी मजा लेते हुए किसी ने पलट कर पलामू की ओर नहीं देखा। इस बार पलामू की जनता ने परिवर्तन का संकल्प ले लिया है। क्षत्रीय करणी सेना के गढ़वा जिलाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा कि वर्षों से केवल झूठा हवामहल बनानेवाले कह रहे कि उनके पक्ष में लहर है। कहा कि किसी प्रत्याशी के पक्ष में लहर नहीं है। अगर लहर देखनी है तो मतदाताओं के दिल में झांक कर देखिए। वहां पर अब तक चुने गए नाकारा प्रतिनिधियों के प्रति आग धधक रही है। इस कारण इस बार पलामू में तीसरी बार काठ की हांड़ी नहीं चढ़ेगी। इस बार पलामू के शोषितों, वंचितों व सर्वहारा वर्ग के साथ क्षत्रीय व सवर्ण समाज महागठबंधन प्रत्याशी ममता भुइयां के कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। पहली बार पलामू के आंगन की बेटी भारी मतों से जीतकर पलामू के दुख दर्द मिटाने का काम करेगी। जिलाध्यक्ष ने 13 मई को खुद के लिए, पलामू के लिए सबको मतदान केंद्र पर जाकर लालटेन छाप का बटन दबाकर ममता भुइयां को भारी मतों से जिताने की अपील की है।

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