डैमेज बाउंड्री के कारण छुट्टी के बाद नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है चंद्रपुरा विद्यालय
फोटो : टूटी बाउंड्री व बच्चे।
कांडी : हेंठार इलाके का एक सरकारी विद्यालय नशेड़ियों का अड्डा बनकर रह गया है। पठन पाठन का कार्य बंद होते ही विद्यालय असामाजिक तत्वों के कब्जे में चला जाता है। तब यहां नशाखोरी का नंगा नाच शुरू हो जाता है। यह विद्यालय है कांडी प्रखंड अंतर्गत बलियारी पंचायत का राजकीय प्राथमिक विद्यालय चंद्रपुरा। इसकी चहारदीवारी वर्षों पूर्व ढह चुकी है। जिससे स्कूल में कभी भी किसी का निर्बाध प्रवेश जारी रहता है। 22 साल पहले 2002 में विद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण कराया गया था। जो कब का डैमेज हो चुका है। प्रधानाध्यापिका जया कुमारी बताती हैं कि उसके बाद से विद्यालय में रंगाई पुताई के सीवा सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई विकाश फंड विद्यालय को मिलता है उससे विद्यालय का छोटा मोटा कार्य किया जाता है चूंकि इस स्कूल में 75 बच्चे पढ़ते हैं। इसलिए विद्यालय विकास एवं रख रखाव मद (एसडीएमआरजी) में हर साल केवल 25 हजार रुपए मिलते हैं। जो रंगाई पोताई में ही खर्च हो जाते हैं।
बताते चलें कि विद्यालय में अभी एक सरकारी तथा दो सहायक अध्यापक कुल तीन शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि 1 से 5 तक 75 बच्चे पढ़ाई करते हैं। सबसे बड़ी समस्या है कि विद्यालय में बाउंड्री नहीं होने के कारण स्कूल बन्द होने के बाद विद्यालय में नशेड़ियों और जुआरियों का अड्डा बन जाता है। विद्यालय दो तरफ से रोड पर अवस्थित है। विद्यालय की बाउंड्री नहीं होने से विद्यालय में पढ़ रहे छात्र छात्राओं के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। कब कौन सी गाड़ी किधर से आए और कोई बड़ा हादसा न हो जाए। विद्यालय के प्राइमरी होने की वजह से विद्यालय में काफी छोटे छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं। जो कभी भी गाड़ियों की चपेट में आ सकते हैं। विभाग की बैठकों में बार बार इस परिस्थिति का हवाला दिया जाता है। लेकिन किसी को इसकी कोई चिंता नहीं है। शायद विभाग किसी बड़े हादसे का ही इंतजार कर रहा है।
एसएमसी अस्तित्व में नहीं :- विद्यालय का प्रबंध खस्ताहाल होने का कारण है कि यहां लंबी अवधि से विद्यालय प्रबंधन समिति ही अस्तित्व में नहीं है।
एचएम जया कुमारी, सीआरपी प्रभू राम व शिक्षक सदस्य विमलेश कुमार तिवारी की एडहॉक कमेटी महीनों से गठित है।