राम व सीता के आदर्शों को अपना ले तो वह आदर्श परिवार हो जाएगा : धर्मराज
फोटो : प्रवचन करते पं. धर्मराज शास्त्री।
फोटो : प्रवचन करती देवी शिखा चतुर्वेदी
साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी : मानस महायज्ञ के दौरान सतबहिनी झरना तीर्थ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। प्रवचन व परिक्रमा में सबसे,अधिक लोगों की उपस्थिति हो रही है। तीसरे दिन के प्रवचन सत्र शुरू हो इससे पूर्व सेवानिवृत्त वनपाल ध्रुव कुमार पांडेय व सेनि शिक्षक वैद्यनाथ पांडेय ने व्यास पीठ की पूजा की। मिर्जापुर से पधारे पं. धर्मराज शास्त्री ने कहा कि राम के आदर्शों को पुरुष व सीता के आदर्शों को नारी अपना ले तो वह परिवार आदर्श परिवार होगा। वृंदा वन की देवी शिखा चतुर्वेदी ने भागवत व मानस के प्रसंगों की सामाजिक संदर्भ में व्याख्या की। कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर ऐसा सत्संग मिलता है। संसार के सारे रिश्ते मिथ्या हैं। असली सुख भगवान से प्रेम में है। प्रारब्ध पहले रचा, पाछे रचा शरीर। हम जो करते हैं वह 100 गुणा करके हमें वापस मिलेगा। चाहे पाप करो या पुण्य। गुप्तकाशी के सौरभ कुमार भारद्वाज ने समाज व राष्ट्र निर्माण की बात कही। कहा कि सत्य अभियान के सर्जना चाहिए, भ्रष्ट अभियान को वर्जना चाहिए। में में करना तो काम है बकरियों का, सिंह को तो सदा गर्जना चाहिए। रोहतास बिहार के पं. सत्येंद्र पाठक उर्फ मुन्ना पाठक ने भी श्रीराम कथा कही। इधर श्री हित हरिवंश चंद्रो विजयते मानस व्यास पं. विनोद गौरव शास्त्री श्रीधाम वृंदावन की वेदपाठी टोली संगीतमय मानस पाठ कर रहे हैं। सुरुचिपूर्ण संगीतमय पाठ को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है।