महायज्ञ के चौंतीसवें अधिवेशन के दुसरे दिन प्रवचन सत्र में माता सती की महिमा का वर्णन किया गया। Kandi

साकेत मिश्रा की रिर्पोट 
कांडी: प्रखंड के ग्राम राणाडीह में आयोजित श्रीरामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ के चौंतीसवें अधिवेशन के दुसरे दिन प्रवचन सत्र में माता सती की महिमा का वर्णन किया गया।
श्रीराम की नगरी अयोध्याधाम से पधारी देवी धर्ममूर्ति ने संगीत के माध्यम से देवी सती का भाव पूर्ण वर्णन किया।देवी धर्ममूर्ति ने कहा कि भगवान शिव सती जी को बताते हैं कि राम ही सत्य हैं।संसार माया है।कहा कि भगवान का नाम जिसने लिया उसका उद्धार निश्चित है।कहा कि बार बार गलती करना अपराध होता है, जिसका कोई क्षमा नहीं है। उन्होंने लोगों से किसी भी प्रकार के गलती से बचने का आह्वान किया।संगीतमय प्रवचन को सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है।यज्ञ 24 फरवरी तक चलेगा।यज्ञ के कार्यक्रम के अनुसार सुबह से शाम तक वैदिक मंत्रों के साथ देवताओं की पूजन पाठ किया जा रहा है और वेदपाठी ब्राह्मणों की टीम द्वारा रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है।यज्ञ को सफल बनाने में मार्गदर्शक ब्रजमोहन मिश्रा, श्याम बिहारी दुबे,श्याम सुन्दर शर्मा, शिवदेव चौबे,यज्ञ कमीटी के अध्यक्ष सत्येन्द्र चौबे, सचिव विजय पाण्डेय, उपाध्याय प्रदीप दुबे, कोषाध्यक्ष संजय चौबे,चंद्रमणी चौबे, गोरखनाथ चौबे, सत्यनारायण पाण्डेय,उपेन्द्र चौबे,सतीश चौबे, सिद्धेश्वर चौबे,संटु मिश्रा सहित सभी ग्रामवासी लगे हुए हैं।

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