सतबहिनी झरना तीर्थ में 24वें मानस महायज्ञ की विराट कलश यात्रा
कोयल व बांकी नदी के संगम से हजारों कलश यात्री उठाएंगे जल
फोटो : जल भरते फाइल फोटो।
साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी (गढ़वा) : झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड की निबंधित इकाई मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तत्वावधान में आम जनों द्वारा 24वें मानस महायज्ञ का आयोजन किया गया है। जिसके लिए सतबहिनी झरना तीर्थ की स्थापित परंपरा के अनुरूप 25 फरवरी को विराट कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसकी जानकारी देते हुए समिति के सचिव पं. मुरलीधर मिश्र ने कहा कि हाथों में धर्म ध्वजा लिए बाजा गाजा के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु कलश यात्री महिला पुरुष जयकारा लगाते सतबहिनी झरना तीर्थ में एकत्र होंगे। यहां यज्ञाचार्य पं. श्याम बिहारी वैद्य के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों की टोली वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवती मंदिर में कलशों का संकल्प कराएंगे। इसके बाद सभी कलशयात्री माता का जयकारा लगाते सैकड़ों वाहनों पर सवार होकर बजरंग बली मंदिर बुढ़ीखांड़ के लिए प्रस्थान करेंगे। यहां कोयल व बांकी नदी के संगम पर कलशों में अभिमंत्रित जल भरा जाएगा। जिसे ले जाकर यज्ञ मंडप में स्थापित किया जाएगा। आयोजित महायज्ञ अयोध्या के श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर महंत प्रेम शंकर दास जी के नेतृत्व में सम्पन्न होगा। 26 फरवरी को पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश व अरणीमंथन के साथ विधिवत यज्ञ आरंभ हो जायेगा। सुबह 09 बजे से दोपहर 02 बजे तक वृंदावन की मानस मंडली के द्वारा संगीतमय मानस पाठ किया जाएगा। जबकि 26 फरवरी से 5 मार्च तक दोपहर 12 बजे से शाम 06 बजे तक विशिष्ट विद्वानों का प्रवचन होगा। वहीं 06 मार्च को विसर्जन, संत-विद्वानों की विदाई व महा भंडारा का आयोजन किया जाएगा। खास बात यह है कि उक्त महायज्ञ में प्रवचन के लिए भारत के विभिन्न मंचों के पांच विशिष्ट वक्तागण प्रवचन के लिए पधार रहे हैं। इनमें देवरिया के क्रांतिकारी शैली के पंडित अखिलेशमणि शांडिल्य, मिर्जापुर के संगीतमय कथावाचक पंडित धर्मराज शास्त्री, वृंदावन की श्रीमद्भागवत महापुराण की कथावाचिका देवी शिखा चतुर्वेदी, गुप्तकाशी के आचार्य सौरभ भारद्वाज व बिहार के पंडित मुन्ना पाठक का नाम शामिल है।