विशुनपुरा
मनरेगा वेबसाइट के अनुसार प्रखंड में संचालित कुल 86 मनरेगा योजनाओं में 461 मजदूर को सिर्फ नेट पर मिट्टी खोदत्ते दिखाया जारहा है. लेकिन योजना स्थल पर कोई मजदूर नही है. जो एक बार फिर बड़ी फर्जीवाड़े की संकेत दे रही है
उसके बाद भी पदाधिकारियो द्वारा कोई कारवायी नही किया जारहा है.
प्रखंड के पतिहारी एवं अमहर खास पंचायत मे मनरेगा योजना के तहत डोभा निर्माण कार्य में मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन से खुदाई किए जाने मामला प्रकाश में आया है.
पतिहारी पंचायत के ग्राम देवगुड़वा में मिनत हुसैन के खेत में डोभा निर्माण योजना में रातो रात जेसीबी मशीन से निर्माण कार्य करा लिया गया. और सिर्फ नेट पर मजदूर मिट्टी खोदत्ते दिख रहे है. इस योजना में 16830 रु का भुगतान भी कर दिया गया है.
वही इसी तरह ग्राम देवगुड़वा में बदत अंसारी के खेत मे डोभा निर्माण योजना में मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन से कार्य किया गया है. इस योजना में पदाधिकारियो के मिलीभगत से 74970 रु का भुगतान भी कर दिया गया है
वही अमहर पंचायत में शम्भु बियार के खेत में डोभा निर्माण योजना में भी मसीन से कार्य कराया गया है. उक्त सभी योजनाओं में जेसीबी मसीन का निसान साफ दिख रहा है.
इन सभी योजनाओं को रातों-रात निर्माण कार्य पूरा कर लिया. निर्माण कार्य पूरा करने के बाद भी बिचौलियों द्वारा मजदूर डिमांड कर बड़े आराम से पैसे की निकासी करा लिया जारहा हैं.
बताया जाता है कि उक्त सभी योजना निर्माण में जेसीबी मशीन का प्रयोग करने के मामले को लेकर विभाग के पदाधिकारी की जानकारी में किया जा रहा है. आसपास के लोगों ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत मशीन से निर्माण किए जाने वाला कई योजना है. योजना में कोई मजदूरों से कार्य नही कराया जाता है. योजना में विभाग से जुड़े बिचौलिया हाबी हैं.
मालूम हो कि मजदूरों को पलायन रोकने तथा रोजगार सृजन को लेकर सरकार मनरेगा योजनाओ से मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की सपना देख रही है. कोई मजदूर गांव से पलायन नही करे इसके लिए मनरेगा योजना से कई योजनाएं संचालित की गयी है. लेकिन योजनाओं में मजदूरों के जगह मसीन कार्य करते दिख रहे है. और मजदूर पलायन करने को विवश है.
इस सम्बंध में पूछे जाने पर बीडीओ हीरक मन्ना केरकेटा ने कहा कि जांच कर दोसी पाए जाने पर मुखिया, पँचायत सेवक एवम रोजगार सेवक पर कारवायी की जाएगी.