जो हो गया राम का,वही है केवल काम का- नीरज 23/01/2024

राममय है यह सृष्टि सारी,
तारणहार हैं अवध बिहारी।
                मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अगर किसी के रोम-रोम में समाहित हो जाएँ तो उसका जीवन ही सुंदरतम हो जाता है। वह मन ,वचन और कर्म से एक होकर नेक बन जाता है। आज पूरी दुनिया इस बात को स्वीकार करने लगी है।
              मेरी दृष्टि में वर्तमान समय प्रभु श्रीराम के चरित्र को आत्मसात् करने का है। प्रभु श्रीराम का चरित्र केवल स्वयं का उत्थान करने में ही सहायक नहीं है। अपितु अपने राष्ट्र को समर्थ बनाने के साथ-साथ संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के विषय में सोचने और कुछ करने में सक्षम बनाने में भी समर्थ है। मैं निरंतर यह अनुभव करता हूँ कि प्रभु श्रीराम के शरणागत होने वाले का कोई भी कार्य कभी भी बाधित नहीं होता। थोड़ी बहुत परेशानियाँ आती हैं जो हमें और मजबूत करके उचित समाधान करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसलिए मैं सभी से यही कहना चाहूँगा कि
जो हो गया राम का,
वही है केवल काम का।
नीरज श्रीधर स्वर्गीय
           प्रांत मंत्री
संस्कार भारती झारखंड प्रांत 
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              निदेशक
पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच
 नवादा,गढ़वा (झारखण्ड )

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