साकेत मिश्रा की रिर्पोट
गढ़वा : बेमौसम बरसी बारिश ने किसानों की फसलों को पूर्ण रूप से बर्बाद कर दी है।
किसानों की कमर तक टूट गई है। लगातार तीन वर्षों से अकाल की मार झेल रहे किसान किसी प्रकार इस विकट परिस्थिति से गुजर रहे हैं। किसानों ने खून-पसीना लगाकर कड़ी मेहनत कर डीजल पंप से पटवन कर धान का फसल उगाया, सब बेकार हो गया। अक्टूबर माह में बाढ़ के पानी से सारा धान व भदई की फसल चौपट हो गई थी। बची हुई धान का फसल की कटाई कर किसान गेहूं बोने की जुगाड़ में लगे हैं। जबकि बेमौसम बारिश ने किसानों की मुस्किल बढ़ा दी है। 60 प्रतिशत धान खेत में ही सड़ रहा है। जबकि 10 प्रतिशत धान खलिहान में सड़ रहा है। जिले के कांडी प्रखण्ड में कुल 70 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई थी।उक्त सभी बातें भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामलला दुबे ने कही। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा धान काटकर गेहूं बोने का सपना देखा जा रहा था। जबकि किसानों का सपना साकार नहीं हो सका। वहीं बेमौसम बारिश ने तबाही मचा दी, जिससे किसान हताश व निराश हैं। कांडी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत हेठार क्षेत्र के बलियारी, चोका, पतीला, नारायणपुर, बेलहथ, बनकट, सुंडिपुर, कसनप, गाड़ा, खरौंधा, जयनगरा, बरवाडीह, सोनपुरा, चंद्रपुरा, भीलमा, अमडीहा, पखनाहा, सड़की, सेमौरा व पहाड़ी क्षेत्र में घटहुआं कला, सेतो, लमारी खुर्द, सेतो, खुटहेरिया, कुशहा, पतहरिया, सबुआं, हरिगावां, चटनिया सहित पूरे प्रखण्ड क्षेत्र के सभी गांवों में धान की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो चुकी है।खेतों में रखे धान का पांजा भीग रहा है, जिसमे अंकुर तक आ गया गया है। घर में एक छटाक भी अनाज आने की कोई उम्मीद नहीं है। बेमौसम बरसी बारिश से जन-जीवन ही नहीं, बल्कि माल-मवेशियों को भी चारा सहित रहने की भी दिक्कत हो चुकी है। लगातार रिमझिम बारिश से चना, सरसों, मसूर, अरहर, साग-सब्जी सहित अन्य फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इन सभी मुसीबतों को लगातार किसान प्राकृतिक का मार झेलते हुए किसान मेहनत कर खेती करके सबका पेट भरते हैं, लेकिन किसानों की इस विकट परिस्थिति में सुध लेने वाला कोई नहीं है।किसान पर भगवान भी नाराज हैं। लेकिन झारखंड सरकार किसानों की इस विकट परिस्थिति में बेफिक्र बनी है। इस सरकार में किसानों के लिए कोई जगह नहीं है। लगातार सुखाड़ व बाढ़ से प्रभावित किसानों को सरकार द्वारा कोई मुवाबजा नहीं दिया गया। किसानों को चौतरफा मार झेलना पड़ रहा है। किसान बेबस मजबूर है।इस विकट परिस्थिति में जिला उपायुक्त से श्री दुबे ने मीडिया के माध्यम से आग्रह किया है की तत्काल किसानों पर रहम करते हुए इस आपदा में फसल राहत कार्य चलाया जाए। मवेशियों की चारा की व्यवस्था, मवेशियों को रहने के लिए गाय शेड व किसानों को खाद-बीज आदि की व्यवस्था की जाए। साथ ही बिजली बिल माफ की जाए। नहीं तो गरीब किसान अपने बाल-बच्चों के साथ सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।