कांडी में पढ़े भारत, बढ़े भारत विषय पर सेमिनार का आयोजन
फोटो : संबोधित करते मुख्य अतिथि कुणाल सारंगी।
फोटो : सेमिनार में उपस्थित ग्रामीण व विद्यार्थी।
साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी : स्वयंसेवी संस्था दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन ने पढ़े भारत बढ़े भारत विषय को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें कई आमंत्रित प्रबुद्ध अतिथियों,
गणमान्य नागरिकों व उच्च कक्षाओं के विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्थानीय प्लस टू हाईस्कूल के सभागार में दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा अपनी स्थापित परंपरा के अनुरूप आयोजित पढ़ेगा भारत बढ़ेगा भारत विषय पर सेमिनार के मुख्य अतिथि बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक व साहित्यकार डॉ रमेश चंचल, शिक्षाविद ई अलखनाथ पांडेय, ऑक्सब्रिज स्टार के निदेशक राहुल चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार प्रियरंजन सिन्हा तथा समाजसेवी सूर्यदेव सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। संस्था के द्वारा अतिथियों व गणमान्य लोगों को बुके व माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही उन्हें अंगवस्त्र भी प्रदान किया गया। उपस्थित ग्रामीणों व छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक व हार्वर्ड युनिवर्सिटी के प्रोडक्ट कुणाल सारंगी ने कहा कि जिससे आप कोई छोटी चीज भी सीखते हैं वह भी आपका शिक्षक है। शिक्षा सबसे बड़ा धन है। जिसके पास शिक्षा है वह विश्व का सबसे धनवान व बलवान व्यक्ति है। उन्होंने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि डर की वजह से व्यक्ति का चरित्र नहीं बदलता है। यदि किसी का बराबरी करना हो तो शिक्षा सबसे बड़ा साधन है। कल्पना चावला का उदाहरण देते हुए उन्होंने बच्चों को समझाया कि यदि कल्पना के पास शिक्षा नहीं होती तो क्या वह इतनी ऊंचाई पर पहुँच पाती? उन्होंने मातृ भाषा हिंदी को बढ़ावा देते हुए कहा कि अंग्रेज हमे छोड़कर चले गए पर अंग्रेजियत छोड़ गए। बच्चों को कहा कि अंग्रेजी से डरें नहीं। यह मात्र एक भाषा है। इसे अपने सम्मान के साथ नहीं जोड़ें। भारत की शिक्षा व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में बेहतर व प्रशिक्षित शिक्षक होते हैं। उसके बावजूद भी लोग निजी विद्यालयों की ओर भाग रहे हैं। जिससे सरकारी विद्यालयों की ओर से लोगों का लगाव कम होते जा रहा है। कहा कि भारत आज के समय में दुनिया के सामने एक अलग मुकाम हासिल कर रहा है। आज पूरी दुनिया का आईटी सेक्टर भारत पर निर्भर है। विश्व के हर ऊंचे पदों पर भारत का एक ना एक आदमी अवश्य ही आसीन है। उन्होंने सोशल मीडिया की चर्चा करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर होना गलत बात नहीं है। ज्यादा समय तक सोशल मीडिया पर होना गलत बात है। किसी के दबाव में करियर का चुनाव नहीं कर अपनी रूचि का क्षेत्र चुनें। वहीं अलखनाथ पांडेय ने कहा कि शिक्षा के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हर क्षेत्र में स्पर्धा बढ़ गई है। आज लोग डॉक्टर, इंजीनियर बनने को तैयार हैं। पर एक शिक्षक बनना कोई नहीं चाहता। अच्छे पढ़े लिखे लोग शिक्षा से नहीं जुड़ेंगे तो सुधार कैसे होगा। क्या बनना है इसे तय कर मेहनत करें। तीन चार घंटे जरूर पढ़ाई करें। डॉ रमेश चंचल ने कहा कि आपमें जिज्ञासा बनी रहनी चाहिए। हम पढ़ रहे हैं कि बेहतर कर सकें। सामाजिक एकता के लिए शिक्षा जरूरी है। अच्छा नागरिक बनने के लिए पढ़ें। लादेन जैसा इंजीनियर व अफजल जैसा प्रोफेसर बनने के लिए नहीं। राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि हमें पितृ ऋण के साथ समाज व गुरु के ऋण से भी मुक्त होना है। कहा कि उनके शिष्य ने दरवाजे पर लिख रखा था कि यह आईएएस आशीष पांडेय का कमरा है। और वह बना। लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करें। असफलता के बाद ही सफलता का राजमार्ग बनता है। घबराएं नहीं मेहनत करें। वरिष्ठ पत्रकार प्रियरंजन सिन्हा ने कहा कि जीवन मे सफलता तभी हासिल होगी जब हम समय का सदुपयोग करें। प्रकृति ने सबको 24 घंटे ही दिए हैं। समय मुट्ठी में बंद बालू है। उसे पकड़कर मेहनत करें वरना वह सरकता जा रहा है। 13 दिसंबर फिर आएगा। लेकिन 2023 का 13 दिसंबर फिर नहीं आएगा। वरिष्ठ किसान सूर्यदेव सिंह ने कहा कि उनके समय सुविधाएं सीमित थीं। आज सभी सुविधाएं हैं। इसलिए आप बेहतर करें। अंत में नताशा खातुन, रिंकी कुमारी सहित कई छात्राओं ने डायरेक्टर राहुल चतुर्वेदी से पढ़ाई में बेहतर करने को लेकर कई सवाल कर निर्देश प्राप्त किया। मंच संचालन करते हुए संस्था के प्रधान सचिव शशांक शेखर ने कहा कि राजनेता अन्य मुद्दों को उठाते हैं पर सबसे जरूरी शिक्षा व स्वास्थ्य को छोड़ देते हैं। इस मौके पर साजिद सैम, बबन कुमार, निखिल सोनी, सूरज कुमार, छोटू कुमार, दीपक कुमार, बिनोद बिहारी द्विवेदी, विनोद प्रसाद, शिक्षक बाचा राम, रामलाला दुबे, संतोष सिंह, दयाशंकर सिंह, ईश्वरी मेहता, अजय सिंह सहित सैकड़ो छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।