पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच नवादा, गढ़वा के द्वारा नाट्य प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ क्लासेस, सहिजना,गढ़वा में किया गया।
नारियल तोड़कर सभी उपस्थित जनों ने नाट्य प्रशिक्षण केंद्र के प्रशाल में प्रवेश कर कला के सर्जक भगवान नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन किया। इस अवसर पर मंत्रोच्चार झारखण्ड की युवा सांसद अंजलि शाश्वत ने किया।
मोहित केशरी ने गणेश वंदना प्रस्तुत की।
मंच के निदेशक नीरज श्रीधर स्वर्गीय ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच द्वारा संचालित नाट्य प्रशिक्षण केंद्र में नाट्य विधा का छः महीने का सर्टिफिकेट कोर्स और एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स का शुभारंभ किया जा रहा है। रंगकर्म में अपनी पहचान बनाने वाले सभी कला साधक गढ़वा क्लासेज सहिजना ,गढ़वा में संचालित इस नाट्य प्रशिक्षण केंद्र से जुड़कर अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं। इस प्रशिक्षण केंद्र में नाट्य विधा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराने के साथ-साथ उसमें उन्हें दक्ष बनाने का प्रयास भी किया जाएगा।
संरक्षक जगतारण तिवारी ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच द्वारा प्रारंभ किए गए नाट्य प्रशिक्षण केंद्र को मेरा हर प्रकार का सहयोग मिलता रहेगा।
मार्गदर्शक श्रवण शुक्ल ने कहा कि नाट्य प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ एक ऐतिहासिक पहल है।इसके माध्यम से निखरने वाली प्रतिभाएँ अपने जिले के साथ-साथ संपूर्ण विश्व में कीर्तिमान स्थापित करेंगी।
शिक्षक दिनेश कुमार चौबे ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के इस साधना रूपी महायज्ञ में हम सभी को सामर्थ्य के अनुसार अपनी आहूति निवेदित करनी ही चाहिए।
युवा सांसद अंजलि शाश्वत सह सहमंत्री अंजलि शाश्वत ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि गढ़वा में नाट्य विधा के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ हैं।इसी को ध्यान में रखकर यह केंद्र प्रारंभ किया गया है। इस नाट्य प्रशिक्षण केंद्र को पल्लवित-पुष्पित करने में सभी का स्नेह व सहयोग अपेक्षित है।
अधिवक्ता आशीष दुबे अग्निवीर ने कहा कि नाट्यकर्म जैसी पवित्र विधा के साधकों को एकत्रित कर उनमें परिष्कार का जो बीड़ा पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच द्वारा उठाया गया है उसमें मैं तन-मन-धन से सदैव सहयोग करूंगा।
संस्कार भारती के पलामू विभाग प्रमुख डॉ.शम्भू कुमार तिवारी ने कहा कि जीवन एक रंगमंच है।इस दृष्टि से रंगकर्म या नाट्य विधा हमारे जीवन का अभिन्न अंग है।
यज्ञाचार्य विपिन तिवारी ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के इस पुनीत अभियान में हम सभी साथ हैं।
रंगकर्मी कौस्तुभ ने कहा कि नाट्य विधा के माध्यम से मैं वैश्विक पहचान बनाना चाहता हूँ।
कुमार गौरव गर्ग ने कहा कि रंगकर्म इस सृष्टि का सबसे पवित्र कर्म है।
लोक कला साधक अरविंद कुमार तिवारी ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच 2003 से ही लगातार कला के विभिन्न आयामों के माध्यम से समाज को जागरूक करता आ रहा है। आज हो रहे इस ऐतिहासिक शुरुआत के माध्यम से गढ़वा के रंगकर्मियों को वैश्विक पहचान बनाने में काफी सहयोग प्राप्त होगा। ऐसा मुझे विश्वास है।
गौतम ऋषि , नीरज मालाकार, चित्रकला मर्मज्ञ रिया राशि सहित काफी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे।
"सर्वे भवन्तु सुखिन:..." के सामूहिक पाठ के साथ आयोजन सम्पन्न हुआ।