महायज्ञ के किया जा रहा है 34 वें अधिवेशन की तैयारी
फोटो : राणाडीह की पक्की यज्ञशाला।
साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी : राणाडीह गांव में मानस महायज्ञ के 34 वें अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। इस महायज्ञ के आयोजन को लेकर यज्ञ कमेटी के साथ-साथ ग्रामीणों के द्वारा तैयारी की जा रही है। प्रखंड क्षेत्र के पंचायत एवं गांव राणाडीह में श्री रामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ महोत्सव का आयोजन किया गया है। गढ़वा जिला में लगातार 34वें मानस महायज्ञ के आयोजन का कीर्तिमान राणाडीह गांव के नाम ही दर्ज है। पावन सलिला कोयल के तट पर अवस्थित पक्की यज्ञशाला में महायज्ञ के आयोजन को लेकर साफ सफाई और रंगाई पुताई के साथ ग्रामीणों के द्वारा प्रचार प्रसार एवं जनसंपर्क का कार्य शुरू कर दिया गया है। कार्यक्रम के अनुसार 15 फरवरी की संध्या में विहित मुहूर्त के दौरान यज्ञाचार्य पंडित अवधेश मिश्र के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों की टोली के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हनुमत ध्वज की स्थापना की जाएगी। जबकि 16 फरवरी की सुबह पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश एवं अरणी मंथन के साथ विधिवत यज्ञ आरंभ हो जाएगा। इस दौरान प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से पूजन हवन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। जबकि दोपहर 12:00 बजे से संध्या 6:00 बजे तक विद्वान प्रवक्ता के द्वारा प्रवचन प्रस्तुत किया जाएगा। इस वर्ष विश्व प्रसिद्ध अयोध्या धाम से पधारने वाली देवी धर्ममूर्ति जी के द्वारा संगीतमय श्री राम कथा प्रस्तुत की जाएगी। जबकि 24 फरवरी को महायज्ञ के सभी कार्यक्रमों के साथ संत विद्वानों व साधु संतों की विदाई तथा भंडारा के रूप में महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस गांव के लोगों की यज्ञ भगवान के प्रति काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है। पढ़ाई लिखाई से लेकर नौकरी एवं उन्नत खेती बाड़ी को यहां के लोग यज्ञ भगवान का आशीर्वाद मानते हैं। इसी कारण यज्ञ अवधि में अधिकांश ग्रामवासी नौकरी पेशा वाले लोग छुट्टी लेकर घर आते एवं यज्ञ कार्य में हाथ बंटाते हैं। जबकि तमाम बेटी बहनें भी ससुराल से मायके चली आती हैं। वहीं यज्ञ के दौरान यज्ञ मंडप की परिक्रमा एवं प्रवचन सुनने के लिए स्थानीय दर्जनों गांव के साथ-साथ कोयल नदी के उस पार पलामू जिला के दर्जनों गांव से लोग बड़ी संख्या में यज्ञ में भाग लेते हैं।