साकेत मिश्रा की रिर्पोट
गढ़वा : सरकारी जन वितरण प्रणाली की दुकानों में व्याप्त अनियमितता में किसी भी हाल में सुधार नहीं होता। इसका कारण प्रशासनिक लापरवाही है। लाभुकों द्वारा लगातार मिल रही शिकायत के आलोक में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी कांडी के द्वारा जांच के दौरान शिकायत को सही पाए जाने पर उक्त स्वयं सहायता समूह के सभी 10 सदस्यों के विरुद्ध जिले के कांडी थाना में बीडीओ सह बीएसओ के द्वारा खुद नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। दिए गए आवेदन के आलोक में कांडी थाना में कांड संख्या 68/23 दिनांक 20 सितंबर 2023 दर्ज किया गया था। मालूम हो कि उपायुक्त से प्राप्त लाभुको का आवेदन, प्रेस कतरन व वीडियो क्लिप के माध्यम से प्राप्त शिकायत के बाद ममता स्वयं सहायता समूह ग्राम रतनगढ़ पंचायत घटहुआं कला की पीडीएस दुकान लाइसेंस नंबर 56/11 के दुकान की प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा जांच की गई थी। जिसमें पाया गया कि जुन जुलाई महीने में विक्रेता के द्वारा राशन का उठाव कर लिया गया था। साथ ही अगस्त एवं सितंबर महीने का राशन पूर्व क्लोजिंग बैलेंस होने के कारण आवंटन शून्य हो गया था। लाभुकों का आरोप था कि जून में कुछ लोगों को राशन नहीं दिया गया है। जबकि जुलाई महीने में अंगूठा लगवा कर भी किसी को राशन नहीं दिया गया। अगस्त सितंबर का डीलर के ऊपर पहले का बैलेंस है। इस प्रकार माह जुलाई का 40 क्वींटल 46 किलो, अगस्त का 38 क्वींटल 34 किलो एवं सितंबर का 39 क्विंटल 51 किलो कुल 117 क्विंटल 31 किलो राशन दुकान के स्टॉक में होना चाहिए था। लेकिन बीडीओ ने जब स्टॉक जांच किया तो उसे शून्य पाया। साथ ही जुलाई महीने में 83..60 प्रतिशत कार्डधारियों से अंगूठा लगवा कर भी राशन नहीं दिया गया था। इसे डीलर ने भी स्वीकार किया था। इससे राशन की हेरा-फेरी एवं कालाबाजारी की गई यह स्पष्ट हो गया। अतः समूह की अध्यक्ष ममता देवी पति राम व्रत विश्वकर्मा, सचिव शैल देवी पति सत्येंद्र विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष मालती देवी पति बैजनाथ रजवार, सदस्य उर्मिला देवी पति रामनाथ विश्वकर्मा, राजमती देवी पति रामनाथ रजवार, ममजा देवी पति कमलेश यादव, सरिता देवी पति दीनानाथ सिंह, कलावती देवी पति श्यामनाथ विश्वकर्मा, प्रमिला देवी पति प्रदीप विश्वकर्मा, शांति देवी पति श्यामलाल रजवार निवासी रतनगढ़ पंचायत घटहुआं कला के खिलाफ कांडी थाना कांड संख्या 68/23 तिथि 20 सितंबर 2023 के अनुसार भारतीय दंड विधान की धारा 409, 420, 421 एवं 34 के तहत प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी मनोज कुमार तिवारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बावजूद नामजद लोगों के विरुद्ध 50 दिन बीत जाने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। अन्य विक्रेताओं के विरुद्ध लाभुकों के द्वारा केवल शिकायत की जाती है। जब एफआईआर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती तो मात्र शिकायत करने से क्या प्रभाव पड़ेगा। यही कारण है कि गांव की लाइफ लाइन जन वितरण प्रणाली बिल्कुल बेलगाम होकर रह गई है। जिसका नतीजा है कि कई सालों से सुखाड़ एवं अकाल का सामना कर रहे लोगों को भुखमरी का शिकार होना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं एसपी.....?
इस संबंध में गढ़वा जिला के पुलिस कप्तान दीपक कुमार पांडेय ने कहा कि इस मामले का अभी तक सुपरविजन नहीं हुआ है। वैसे मैं खुद इस मामले का रिव्यू कर रहा हूं।