राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है. Garhwa

विशुनपुरा
भारत सरकार, सहित राज्य के सभी जिलों में गांधी जयंती के अवसर पर सफाई अभियान (स्वच्छता पखवाड़ा) शुरू किया गया है. इसके तहत रोजाना विभिन्न सरकारी तथा संगठनों द्वारा सफाई अभियान मुख्यालय के सार्वजनिक स्थलों एवम अंचल में चलाया जा रहा है. लेकिन महात्मा गांधी जयंती अवसर को स्वच्छता अभियान से जोड़ कर लोगों को स्वच्छता अभियान के साथ स्वच्छता का पाठ तो पढ़ाया जा रहा है. 
लेकिन पाठ पढ़ाने वाले लोग फोटो खिंचवाने एवम सेल्फी लेने में इतना ब्यस्त हो गए है की विशुनपुरा गांधी चौक पर स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है. जबकि इसी चौक से प्रतिदिन पदाधिकारियों का वाहन गुजरता है. लेकिन किसी ने इस चौक पर लगे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बदहाल प्रतिमा के बारे में सुद्धि नही लिया.

इनके नाम पर स्वच्छता अभियान मनाने वाले प्रशासन और न ही किसी संगठन ने धूल से भरी महात्मा गांधी की प्रतिमा की सफाई के बारे में सोचा. सफाई के अभाव में आज भी यह अपेक्षित पड़ी है.

सरकार ने अक्तूबर में महात्मा गांधी की जयंती तक स्वच्छ अभियान चलाने की घोषणा की है. जिसके तहत सभी सरकारी स्तर से लेकर निजी संस्थाओं द्वारा स्वच्छता अभियान ( स्वच्छता पखवाड़ा) चलाया जा रहा है. इसके तहत सरकारी स्तर से लेकर निजी संस्था तथा राजनेता भी इस स्वच्छता अभियान मनाने के साथ लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे है. लेकिन जिनके आधार पर चल रहा यह अभियान उसकी प्रतिमा खुद सफाई के अभाव में उपेक्षित पड़ी है. यह अभियान के मुंह पर करारा तमाचा है.

विशुनपुरा गांधी चौक सफाई की अभाव में गांधी जी की हमेशा से उपेक्षा की जा रही है. केवल 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन उनकी प्रतिमा की साफ- सफाई कर विभिन्न राजनैतिक दल सहित विभिन्न संगठन माल्यार्पण करते है. जिसके बाद उन्हें उसी हाल में छोड़ देते है. इससे साफ पता चलता है कि सरकारी अधिकारी सहित विभिन्न राजनैतिक दल सफाई के प्रति कितने जागरूक खुद हुए है. इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों का भी ध्यान गांधी जी के प्रतिमा की सफाई पर नही पड़ रही है.

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