सर्पदंश मरीज को किया गया सदर हॉस्पिटल रेफर, जाने से किया इनकार
*झाड़-फूंक* *और* *अंधविश्वास* *के* *चक्कर* *न* *पड़ें* *:* *डॉ* *कुलदेव*
रंका : प्रखंड अंतर्गत खरडीहा पंचायत के सेमरखांड़ निवासी स्व. बुझावन सिंह के 26 वर्षीय पुत्र दुर्गा सिंह को गुरुवार शाम साढ़े छह बजे शौचालय जाने के दौरान सांप काट लिया। गाँव में ही झाड़-फूँक और जड़ी बूटी से इलाज कराने के बाद हालत बिगड़ते देख नौ बजे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र, रंका लाया गया। वहां मौजूद चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुलदेव चौधरी ने प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल, गढ़वा रेफर कर दिया। डॉ चौधरी ने बताया कि मरीज की स्थिति नाजुक है, इसके लिए परिजनों को भी समझाया कि समय पर लाने से बेहतर इलाज होता है। फिर भी धैर्य रखिए, सब ठीक हो जाएगा। लेकिन सभी तरह की सुविधा सदर अस्पताल, गढ़वा में उपलब्ध है। जितना जल्द हो सके लेकर जाइए। डॉ चौधरी ने सर्पदंश के बारे में विस्तृत जानकारी दी और समझाया कि झाड़-फूंक और अंधविश्वास के चक्कर में नहीं पड़े, अन्यथा जान जाने की संभावना होती है। कुछ दिन पहले की घटना को हवाला देते हुए चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुलदेव चौधरी ने बताया कि वह भी मरीज चिकित्सक की बात को अनसुना किया और गढ़वा न जाकर रामानुजगंज हॉस्पिटल चला गया था। वहां से भी रेफर किया गया और अंततः गांव में जाकर उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन साजिश के तहत चिकित्सक की छवि खराब करने के लिए काफी हंगामा भी हुआ और लोग कई तरह की भ्रांतियां भी फैलाई। यहां तक कि समाचार पत्रों में भी अलग-अलग लेख छपा। किसी ने घर पर तो किसी ने रंका अस्पताल में ही दम तोड़ने की बात लिख दी और आम जनता के बीच गलत अफवाह चला गया। जबकि उस मरीज को भी प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया था। लेकिन अपनी मर्जी से रामानुजगंज तरफ लेकर चले गए थे। अगर चिकित्सक की सुझाव माने होते तो शायद जान बच सकती थी। इसलिए आप सभी से भी आग्रह है कि बेहतर इलाज के लिए गढ़वा सदर अस्पताल जाएं। लेकिन 108 एम्बुलेंस बुलाने के बाद भी मरीज अपने घर चला गया। काफी समझाने के बाद भी गढ़वा नहीं जाने पर रेफर कागज पर परिजनों से हस्ताक्षर करा लिया गया कि हम लोग अपने मरीज को अपने मर्जी से घर ले जा रहे हैं। कुछ भी अनहोनी होने पर स्वयं जिम्मेवार होंगे। परिजनों में बटेश्वर सिंह, जिम्मेदार सिंह, दिलदार सिंह, अरविन्द सिंह आदि शामिल थे।