नवनिर्मत कालीकरण सड़क हो गया बर्बाद road

नवनिर्मत कालीकरण सड़क हो गया बर्बाद 

संवाददाता- साकेत मिश्रा की रिर्पोट 

गढ़वा : जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हरिगावां मोड़ से सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार तक निर्मित कालीकरण सड़क के उत्तरार्ध भाग में काला कुछ नहीं बचा। इस भाग में कोलतार का एक टुकड़ा भी कहीं नजर नहीं आ रहा। मानों कालीकरण सड़क का लालीकरण हो गया हो। इस सम्बन्ध में विभागीय एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने कहा कि हाइवा चलने के कारण सड़क बर्बाद हो गई। ग्रामीण कार्य विभाग की इस सड़क का निर्माण हुए 6 महीना भी नहीं बीता है। कि यह सड़क कच्ची सड़क में बदल गई। इसमें जगह-जगह कई-कई फीट के गहरे गड्ढे हो गए हैं। गुरुवार से खबर लिखे जाने तक दो लोड हाइवा ट्रक इस सड़क में बूरी तरह से फंसी हुई है। बीते कल की सुबह से एक हाइवा नम्बर जेएच 02 बीके 8589 पीपल के पेड़ के समीप फंसा हुआ है। जिस पर सीमेंट लदा हुआ है। यह हाइवा बोकारो से आ रहा था। और इसे महुली गांव में जाना था। प्राप्त जानकारी के अनुसार फंसी हुई गाड़ी को निकालने के लिए हाइवा चालक द्वारा जेसीबी मंगवायी गयी। लेकिन हाइवा अपने स्थान से हिला तक नहीं। बल्कि उसका डाला भी टेढ़ा हो गया। शुक्रवार की दोपहर दो ट्रैक्टर लगा हुआ था। जिस पर हाइवा से अनलोड कर सीमेंट लोड हो रहा था। वहीं दूसरा हाइवा सतबहिनी झरना तीर्थ के मुख्य द्वार से लगभग आधा किमी दूर दक्षिण में फंस गया। जिसका नम्बर जेएच 03 एएच 6112 था। इस पर छर्री (कंक्रीट) लदा हुआ था। यह हाइवा पलामू के छतरपुर से आ रहा था और लमारी कला जा रहा था। हालांकि यह हाइवा गुरुवार दोपहर से ही फंसा था। लेकिन जेसीबी की मदद से देर रात निकाल लिया गया। सवाल यह है कि मोटी राशि की लागत से बनी यह कालीकरण सड़क चंद महीने के भीतर ही पूर्ण रूप से बर्बाद हो गई। स्थिति अब यह है कि साइकिल, मोटरसाइकिल व चारपहिया वाहन तो दूर पैदल चलने के लायक भी यह सड़क नहीं बची है। 
क्या कहते हैं ईई.....

इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यह सड़क हाइवा चलने से डैमेज हो गई। इस योजना के तहत पूर्व से निर्मित सड़क की केवल रिपेयरिंग (प्रीमिक्सिंग) की गई थी। जिस पर सिर्फ नौ टन भार वाली केवल छोटी गाड़ियों को ही चलना था। इस पर बड़ी व हेवी गाड़ियों का परिचालन रोकने के लिए थाना में आवेदन भी दिया गया था। वहीं ईई ने सड़क की लंबाई व लागत के सम्बन्ध में पूछने पर भी कुछ नहीं बताया। 
क्या कहा एसपी ने.....

इस संबंध में जिला के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने कहा कि किस मात्रा में कौन-कौन चीज डालना है, यह तकनीकी पदाधिकारी ही जानेंगे। पुलिस नहीं जानती। थाना में आवेदन के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि पता करके ही कुछ कहा जा सकता है।

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