जी. एन. कॉन्वेंट +2 स्कूल में हाउस कप्तान एवं उपकप्तानों को बैज पहनाकर कर्तव्य पालन व निष्ठा की शपथ दिलाई गई। अनुशासित एवं संस्कार युक्त शिक्षा ही विद्यालय की पहचान।
जिम्मेदारी इंसान को बनाता है कुशल।
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्थानीय जी.एन. कॉन्वेंट +2 स्कूल के सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के चारों हाउसों आजाद हाउस, बोस हाउस, शिवाजी हाउस एवं टैगोर हाउस के कप्तानों तथा उपकप्तानों के साथ-साथ स्कूल अनुशासन समिति कप्तान,खेल समिति कप्तान, कल्चरल एक्टिविटी इंचार्ज आदि को बैजू. पहनाकर अलंकरण किया गया एवं उन्हें
कर्तव्य पालन एवं निष्ठा की शपथ दिलाई। गई। कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक मदन प्रसाद केशरी एवं उपप्राचार्य बसंत ठाकुर के द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस गौरवशाली पल को महिमामंडित करते हुए निदेशक महोदय ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को पक्षपात रहित गौरवशाली चलित एवं सेवा भावना के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए गोपनीयता एवं कर्त्तव्यनिष्ठा के लिए शपथ दिलाईऔर अपने अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा के लिए प्रतिबद्धता के लिए आहवान किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों एवं क्रिया-कलापों के माध्यम से बच्चों में कुशल नेतृत्व की भावना का विकास होता है जो भविष्य के लिए प्रेरक स्तम्भ होता है उन्होंने छात्र-छात्राओं से आशावादी बनने और जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरते हुए चरित्र निर्माण पर ध्यान देने की सलाह दी।
सफलता का कोई शॉर्टकट माध्यम नहीं होता है। सीमित साधनों में बेहतर विकल्प की तलाश करें अनुशासन और कर्तव्य पथ पर निरंतर बढ़ते हुए लक्ष्य को प्राप्त करें।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक खुर्शीद आलम, मुकेश कुमार भारती, संजीव कुमार, अजय कुमार, आलोक सिन्हा, नरेन्द्र सिन्हा, नीश शर्मा, सरिता दूबे, रिजवाना शाहिन, सुनिता कुमारी शिवानी कुमारी, निलम कुमारी, संतोष प्रसाद, संजीव कुमार, मुकेश भारती की भूमिका सराहनीय रही। स्कूल कैप्टेन दिव्या दीप सोनी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात् सभा को समापन की घोषणा की गई।
स्कूल कप्तान: सृष्टि आनन्द (कक्षा 12) कार्यकारी स्कूल कप्तान दिव्यादीप सोनी(10),उपकप्तान आदित्य प्रकाश और रिबिका कुमारी(9),आजाद हाऊस -कप्तान प्रिंस और सृष्टि(10),बोस हाउस-रौनक और आयुषी(10) शिवाजी हाऊस-शिवम एवं तनु प्रिया(10),टैगोर हाउस- सुमंत और प्रीति कुमारी(10)आदि ने निष्ठा निर्वहन के लिए अपनी सहमति प्रदान की।