लातेहार में बारिश के बाद लोध फॉल की खूबसूरती बढ़ गई है. यहां 143 मीटर उपर से गिरने वाला पानी लोगों को काफी लुभाता है. इसे देखने के लिए यहां काफी लोग पहुंच रहे हैं.
सोनू कुमार/लातेहार
लातेहार: पिछले दो दिनों से हुई लागातर बारिश के बाद लातेहार जिले के महुआडांड़ में झारखंड के सबसे ऊंचे जलप्रपात लोध फॉल की खूबसूरती चरम पर पहुंच गई है। ऐसे में आसपास के पर्यटकों की भारी भीड़ यहां जुटने लगी है. यहां करीब 43 मीटर की ऊंचाई नदी का पानी नीचे गिरता है जो लोगों का मन मोह लेता है.महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध लोध फॉल की प्राकृतिक सौंदर्यता काफी अनुपम है. लगभग 143 मीटर की ऊंचाई से यहां बूढ़ा नदी का पानी झरने के रूप में सीधे पहाड़ी से नीचे गिरता है. यह विहंगम दृश्य इतना मनोरम होता है कि जब लोग यहां पहुंचते हैं तो उन्हें यहां से जाने का मन नहीं करता. जब मूसलाधार बारिश होती है तो लोध फॉल की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है.लोध फॉल को देखने के लिए नवंबर से फरवरी माह तक पर्यटकों की भारी भीड़ लगती है. बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा के अलावा देश के कई अन्य हिस्सों से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं और इसकी खूबसूरती का दीदार करते हैं. यहां बंगाल के पर्यटकों की भीड़ सबसे अधिक लगती है. लोध फॉल घूमने आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी यहां व्यापक व्यवस्था की गई है. इको विकास समिति की टीम के द्वारा यहां सुरक्षा की कमान संभाली जाती है. तैराक टीम भी यहां तैनात रहती है, जो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहती है.लोध फॉल पहुंचने के लिए सड़क मार्ग एकमात्र रास्ता है. रांची से इसकी दूरी लगभग 200 किलोमीटर है. रांची- घाघरा- बनारी के रास्ते से महुआडांड़ होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है.वहीं रांची-लातेहार-महुआडांड़ के रास्ते भी यहां पहुंचा जा सकता है. लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 100 किलोमीटर है. लोध फॉल के अलावा लातेहार जिले में स्थित कई अन्य फॉल की खूबसूरती इन दिनों लोगों को लुभा रही है.