माननीय न्यायमूर्ति रत्नाकर भेंगरा, न्यायाधीश झारखंड उच्च न्यायालय -सह- प्रशासनिक न्यायाधीश गढ़वा के गढ़वा आगमन पर स् विधिक जागरूकता -सह- सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। garhwa

आज दिनांक 30 जुलाई 2023 को माननीय न्यायमूर्ति रत्नाकर भेंगरा, न्यायाधीश झारखंड उच्च न्यायालय -सह- प्रशासनिक न्यायाधीश गढ़वा के गढ़वा आगमन पर स्थानीय उत्सव गार्डन में विधिक जागरूकता -सह- सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। साथ ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत विभिन्न योजनाओं के लाभुकों को लाभान्वित करने का भी कार्य किया गया। कार्यक्रम का आयोजन दो चरणों में किया गया। पहले चरण में विधिक जागरूकता -सह- सशक्तिकरण शिविर के माध्यम से लोगों को अपने हक, अधिकार व कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने का कार्य किया गया जबकि दूसरे चरण में लाभुकों को योजनाओं से आच्छादित करने का कार्य किया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर एवं माननीय न्यायमूर्ति श्री भेंगरा तथा मंच पर उपस्थित माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राजेश शरण सिंह को शॉल एवं बुके देकर सम्मानित करते हुए किया गया। माननीय न्यायमूर्ति के आगमन पर स्कूली बच्चों द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत कर उनका अभिवादन किया गया।
मंच का संचालन करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी गढ़वा कुमुद झा द्वारा माननीय न्यायमूर्ति श्री भेंगरा के गढ़वा आगमन पर स्वागत करते हुए विधिक जागरूकता -सह- सशक्तिकरण शिविर पर अपने विचारों को DLSA की महत्ता पर केंद्रित करते हुए इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को इसके प्रति जागरूक करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के जरिए अपने-अपने मुकदमों के निष्पादन के बारे में बताया।
उपायुक्त गढ़वा -सह- उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गढ़वा शेखर जमुआर ने अपने संबोधन में डालसा (DLSA) की आवश्यकता एवं महता के बारे में उदाहरण देते हुए बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों से ग्रामीण जनता अपने-अपने विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला में आयोजित किए जाने वाले जनता दरबार में अपनी शिकायत व अपने हक-अधिकार की रक्षा के लिए आते हैं, जिनका यथासंभव निष्पादन भी कर दिया जाता है। परंतु कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनका निष्पादन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत ही हो पाता है। ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) द्वारा लोगों को अपना हक-अधिकार दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अन्य लाभ बताते हुए जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर जनहित में किए जा रहे विभिन्न योजनाओं के संचालन एवं इनके पूर्ण होने की जानकारी साझा की गई। आम नागरिकों के विभिन्न समस्याओं के त्वरित निष्पादन में तेजी लाने के उद्देश्य से एक महीने के अंदर जिले के सभी पंचायतों को वाई-फाई कनेक्टिविटी से लैस कर देने की बात कही गई ताकि वैसी समस्याएं जो पंचायत एवं प्रखंड स्तर के हों, उन्हें वहीं सुलझाया जा सके एवं आम जनों को अपने ही स्थानीय स्तर पर अन्य लाभ मिल सके। उपायुक्त श्री जमुआर द्वारा भी माननीय न्यायमूर्ति श्री भेंगरा के गढ़वा आगमन पर आभार व्यक्त की गई।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गढ़वा राजेश शरण सिंह ने उक्त शिविर के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जागरूकता एवं सशक्तिकरण लगभग एक जैसे शब्द ही लगते हैं लेकिन इसमें थोड़ा अंतर भी है, जिसे समझने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि किसी योजना का लाभ लेने हेतु लोगों को जानकारी दी जाती है तो उसे जागरूक करना कहते हैं, जबकि योग्य होने के बावजूद भी उस योजना का लाभ नहीं मिल पाने पर उसके लिए संघर्ष करते हुए उसे पाने की चेष्टा करना एवं अपने हक-अधिकारों के लिए लड़ना सशक्तिकरण कहलाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार भी ऐसे ही मामलें, जिनमें लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है अथवा न्याय से वंचित रह जाते हों, उन्हें डीएलएसए मदद करती है। डीएलएसए के द्वारा नि:शुल्क न्याय करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें गरीब से गरीब तबके के लोग भी अपने मुकदमों को डीएलएसए के अंतर्गत लाते हैं और उसका त्वरित निष्पादन किया जाता है। उन्होंने बताया कि डीएलएसए सिर्फ न्यायिक कार्य ही नहीं बल्कि जनहित में सामाजिक कार्य भी करती है।
माननीय न्यायमूर्ति श्री भेंगरा ने मंच से संबोधित करते हुए लोगों को अपने सरल शब्दों में बताया कि न्याय व अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने का जोश, भावना एवं इच्छा ही सशक्तिकरण (एंपावरमेंट) है। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ यदि सभी योग्य लोगों को मिल जाता है तथा इसका लाभ लेने वालों की संख्या कम अथवा नगण्य हो जाती है तो ही सही मायने में असली प्रगति कहलाती है। अर्थात लोगों को एंपावर्ड कर दिया जाता है। उन्होंने भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत जागरूकता -सह- सशक्तिकरण शिविर पर प्रकाश डालते हुए लोगों को इसके प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में विभिन्न सरकारी विभागों तथा सामाजिक सुरक्षा, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, समाज कल्याण एवं कल्याण तथा जेएसएलपीएस आदि के तहत मौके पर ही माननीय न्यायमूर्ति श्री भेंगरा के हाथों लाभान्वित करने का कार्य किया गया। सामाजिक सुरक्षा के तहत सर्वजन पेंशन योजना के मुख्य रूप से वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन के लाभुकों को योजनाओं से आच्छादित किया गया। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तहत बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आवास योजना से लाभुकों को मंच से सांकेतिक रूप से लाभान्वित किया गया। इसके अतिरिक्त कल्याण विभाग के तहत बिरसा आवास योजना, सरना घेराबंदी, मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना आदि से लाभुकों को लाभान्वित करते हुए मंच के माध्यम से डेमो चेक प्रदान किये गयें। समाज कल्याण विभाग के तहत मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना तथा बच्चों के अन्नप्रासन एवं धात्री महिलाओं के लिए गोद भराई और दिव्यांग जनों को ट्राईसाईकिल देकर योजनाओं के तहत लाभान्वित किया गया। जेएसएलपीएस के तहत कैश क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड एवं गढ़वा प्रखंड के सखी मंडलों के बीच क्रमशः एक करोड़ एक लाख तथा एक करोड़ दो लाख रुपए के चेक प्रदान कर सशक्तिकरण करने हेतु लाभान्वित किया गया।
_उप विकास आयुक्त राजेश कुमार राय ने योजनाओं के वितरण हेतु मंच का संचालन करते हुए माननीय न्यायमूर्ति श्री भेंगरा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिंह, उपायुक्त, श्री जमुआर तथा कार्यक्रम में उपस्थित हुए विभिन्न जुडिशरी ऑफिसरस्/कर्मी, जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारी/कर्मी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण समेत उपस्थित आमजनों का कार्यक्रम में आने हेतु धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम के समापन होने की घोषणा की।

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