विशुनपुरा
दर्शन सात्र के वरीय शिक्षक शंकर चंद्रवंशी उम्र 65 की निधन उनके पैतृक आवास विशुनपुरा में हो गयी.
इनकी निधन की खबर सुन कर पूरे क्षेत्र में सोक की लहर दौड़ पड़ी. उनकी एक झलक पाने के लिए लोगो का भीड़ लगा रहा.
उनका शव यात्रा में विभिन्न गांवों से सैकड़ो लोग शामिल हुए.
उनका अंतिम संस्कार बाकी नदी के तट पर किया गया.
शिक्षक शंकर चंद्रवंशी मृदुल व्यवहार से गांव तथा क्षेत्र मे काफी लोकप्रिय थे. शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया था. इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे आज देश के सर्वोच्च सरकारी संस्थान में अपना योगदान दे रहे हैं. इन्होंने अपने पूरे जीवन शिक्षा के क्षत्र में निःस्वार्थ भाव से योगदान दिया है. इनके द्वारा पढ़ाये गए लगभग 50 बच्चे न्योदय एवम नेतरहाट विद्यालय में पढ़ रहे है. वे प्रखंड में न्योदय एवम नेतरहाट विद्यालय के कम्पटीशन की तैयारी के लिए एक मात्र शिक्षक थे.
इनके निधन से पूरा क्षेत्र आहत हैं.
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को संघर्ष कर मंजिल पाने की सलाह दी. साथ ही अपने जीवन से जुड़ी यादों को बच्चों के साथ साझा किया करते थे. इनके निधन पर शिक्षक संघ,व्यवसायी संघ, राजनीतिक, समाजिक कार्यकर्ताओ ने शोक व्यक्त किया है.
शव यात्र में शिक्षक रामेश्वर चंद्रवंशी, रविंद्र प्रताप देव, प्रभु चंद्रवंशी, भोलानाथ साहू, अशोक मेहता, पंकज कुमार गुप्ता, मुकेश चंद्रवंशी, राजाराम, प्रमोद चंद्रवंशी, रामरति मेहता, दयानंद गुरुजी, डॉ श्यामलाल गुप्ता, कृष्णा विश्वकर्मा सहित सैकड़ों लोग शामिल थे.