अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यवसायियों को किया जा रहा हैं प्रताड़ित:- सत्येन्द्रनाथ garhwa

अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यवसायियों को किया जा रहा हैं प्रताड़ित:- सत्येन्द्रनाथ
       फोटो- पूर्व विधायक सत्येन्द्रनाथ तिवारी

गढ़वा। शहरी क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यवसायियों को प्रताड़ित किया जा रहा हैं। अतिक्रमण हटाने में प्रशासन की ओर से दोहरी नीति अपनाई जा रही है। उक्त बातें भाजपा के पूर्व विधायक सत्येन्द्रनाथ तिवारी ने कही। उन्होंने अपने जारी बयान में कहा है कि वह सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद इलाजरत हैं। वह स्वस्थ्य होकर जल्द ही क्षेत्र की जनता के बीच होंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम व्यवसायियों का शोषण कर रही हैं। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व विधायक ने कहा कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर के निर्देश पर जिला प्रशासन के अधिकारी शहरी क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यवसायियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। अगर जिला प्रशासन सही मायने में गढ़वा को अतिक्रमण मुक्त बनाने का पक्षधर हैं, तो सबसे पहले स्थानीय विधायक का कल्याणपुर स्थित आवास को ध्वस्त करें। विधायक मुसहर परिवार के जमीन पर आलाशीन भवन बनाकर अतिक्रमण किए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ विधायक का आवास को ध्वस्त कर एक नजीर पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से छोटे व्यवसायी, प्रत्येक दिन कमाकर खाने वाले लोगों के अलावा ठेला, खोमचा और गुमटी को हटाकर उन्हें प्रताड़ित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस स्थान पर समाहरणालय भवन मौजूद हैं। वह भी अतिक्रमण के दायरा में आता हैं। जिले के उपायुक्त को उक्त स्थान से तत्काल समाहरणालय भवन हटाना चाहिए। उसके बाद गरीब, असहाय और छोटे व्यवसायियों पर अतिक्रमण से संबंधित कार्रवाई करनी चाहिए। पूर्व विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय विधायक का आवास को ध्वस्त करें। साथ ही समाहरणालय भवन को अतिक्रमण के दायरा से हटाकर ही अतिक्रमण से संबंधित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन से अतिक्रमण से संबंधित चल रहे अभियान पर तत्काल रोक लगाने की मांग की हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नही करने पर वह आम लोगों के साथ मिलकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे। पूर्व विधायक ने कहा कि कानून के नजर में सभी लोग बराबर के हकदार हैं। प्रशासन की ओर से शुरू किया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान में दोहरी नीति अपनाने की बू आ रही हैं। अगर प्रशासन गढ़वा को अतिक्रमणमुक्त बनाना चाहती हैं, तो सबसे पहले यहां के विधायक के आवास को ध्वस्त करना चाहिए। उसके बाद ही अतिक्रमण हटाने से संबंधित कोई भी कार्रवाई करनी चाहिए।

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