रोजा का मतलब सिर्फ भूखे रहना ही नहीं बल्कि भूख प्यास के साथ पूरे जिस्म का भी रोजा रखना है:फिरदौस ramjan

रोजा का मतलब सिर्फ भूखे रहना ही नहीं बल्कि भूख प्यास के साथ पूरे जिस्म का भी रोजा रखना है:फिरदौस
श्री बंशीधर नगर-रमजान का महीना मुस्लिमों में खास अहमियत रखता है इस पूरे माह में लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं उक्त बातें नगर उंटारी मुखिया संघ के अध्यक्ष व कधवन पंचायत मुखिया फिरदौस आलम ने कही उन्होंने कहा कि रोजा रखना हर मुसलमान के लिए बहुत जरूरी बताया गया हैं रोजा का मतलब सिर्फ भूखे रहना ही नहीं बल्कि भूख प्यास के साथ पूरे जिस्म का भी रोजा रखना है, मतलब हर बुराई एवं गुनाह से दूर रखा गया रोजा ही अल्लाह कबूल करते है।उन्होंने कहा कि रोजा इंसान को खुदा से करीब करता है पवित्र माह ए रमजान का  रहमतों एवं बरकतों का महीना है उन्होंने कहा कि पवित्र माह ए रमजान में अल्लाह की रहमत अपने नेक बंदे के ऊपर बरसती है जिसमें अल्लाह हर मुसलमानों के गुनाहों को माफ करता है.उन्होंने कहा कि रमजान का महीना बेहद पाक होता है इस महीने में बड़ों से लेकर बच्चों तक सभी रोजा रखते हैं।उन्होंने कहा की आपसी प्रेम दूसरे महीनों से कहीं ज्यादा सभी मजहब के लोगों में दिखाई पड़ता है बरकत के महीने में रोजे रखकर अपने गुनाहों पर माफी पा सकते हैं. ये महीना हमारे ईमान को तरोताजा रखता है।

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