खोरठा भाषा में बनी फिल्म 'एहे तो जीवन' में दिव्य प्रकाश शुक्ला महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगे। film

सिनेमा जगत में गढ़वा जिले का नाम राष्ट्रीय फलक पर पहुंचाने वाले शहर के दिपुवां मोहल्ला निवासी द्वारिका शुक्ला के पुत्र दिव्य प्रकाश शुक्ला हिंदी सिनेमा के अलावे अब क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में भी नजर आने वाले हैं। खोरठा भाषा में बनी फिल्म 'एहे तो जीवन' में  दिव्य प्रकाश शुक्ला महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगे। गीताज्ञान फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म का लेखन और निर्देशन कमलेश पांडेय ने किया है।
                   दिव्य प्रकाश शुक्ला पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच व संस्कार भारती में दायित्वाधारी होने के साथ-साथ रंगमंच से जुड़े कलाकार हैं, वह इस फिल्म से सह निर्देशक के तौर पर भी जुड़े हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 'ऐहे तो जीवन' फिल्म 80 के दशक के सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि पर बनी है जो उस समय के लोगों के ग्रामीण संघर्ष और संस्कृति को यथारूप दर्शाएगी। इस फिल्म में झारखंड के रंगकर्म के दक्ष लोगों ने काम किया है। फिल्म का निर्माण कार्य तोपचांची और धनबाद के कुछ क्षेत्रों में हुआ है। फिल्म के निर्माता श्री ज्ञान चंद पांडेय और गीता देवी है।
फिल्म को सेंसर बोर्ड के द्वारा यू सर्टिफिकेट दिया गया है अर्थात हर उम्र के लोग इस फिल्म को देख सकते हैं। यह झारखंड के क्षेत्रीय भाषा की साफ-सुथरी और पारिवारिक फिल्म है। यह फिल्म 26 मई 2023 को झारखंड के 10 सिनेमा घरों में रिलीज होने वाली है। निर्देशक और प्रोडक्शन हाउस का उद्देश्य संस्कृति से जुड़े क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा देना और शुद्ध स्वस्थ मनोरंजन सिनेमा को दर्शकों के सामने लाना  है। फिल्मों के गीत कमलेश पांडेय और श्रीमती गीता देवी के द्वारा लिखित हैं। प्लेबैक सिंगर के रूप में मिताली घोष, दीप अन्विता चौधरी,  सुदीप्तो गायनी, मुनमुन सेन, सुजय भौमिक, सिरसा रक्षित और आदित्य गौतम हैं। फिल्म में कुल 6 गाने हैं। फिल्म के निर्देशक कमलेश पांडेय झारखंड की पहली खोरठा फिल्म 'झारखंडी हीरो' में बतौर मुख्य अभिनेता काम कर चुके हैं।
                इस अवसर पर उपस्थित कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के झारखंड प्रांत मंत्री तथा पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के निदेशक नीरज श्रीधर स्वर्गीय ने कहा कि हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के माध्यम से अपनी अभिनय-यात्रा की शुरुआत करने वाले दिव्य प्रकाश शुक्ला ने हिन्दी के साथ-साथ बांग्ला व खोरठा भाषा की फिल्मों में भी सफल अभिनय किया है। इन्होंने रंगमंच से फिल्म तक का जो सफर तय किया है वह अभिनय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणादायक है। हम समस्त कला-साधकों की ओर से यह कामना करते हैं कि दिव्य प्रकाश शुक्ला भारतीय संस्कृति को पोषित करने वाली फिल्मों में ही अपना योगदान दें। पुरे परिवार साथ देखने लायक "ऐहे तो जीवन" फिल्म में दिव्य प्रकाश शुक्ला ने अभिनय के साथ-साथ सह निर्देशन का दायित्व भी निभाया है। हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
                    फिल्म निर्माता व संस्कार भारती गढ़वा जिला के नाट्य विधा संयोजक प्रेम दीवाना व्यास ने कहा कि हम सब के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है दिव्य प्रकाश शुक्ला फिल्मों में अपनी बेहतर पैठ बनाते जा रहे हैं। उनकी इस फिल्म की सफलता की मैं कामना करता हूँ।
                  संस्कार भारती के पलामू विभाग प्रमुख डॉक्टर शंभू कुमार तिवारी ने कहा कि दिव्य प्रकाश शुक्ला अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्मों के माध्यम से अपनी पहचान बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। ईश्वर उन्हें इस कार्य में निरंतर सफलता प्राप्त कराएँ।

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