भगवत नाम ही जीवन का आधार है :मानस प्रिया सुमित्रा देवी
श्री बंशीधर नगर-भगवत नाम ही जीवन का आधार है .परमार्थ एवं परोपकार करने से प्रभु सदैव प्रसन्न रहते हैं .सत कर्मो से भगवान की कृपा बरसती उक्त बातें चैत नवरात्र के अवसर पर आयोजित श्री राम कथा के चौथे दिन कथा वाचिका मानस प्रिया सुमित्रा देवी ने कही.उन्होंने कहा की हमारा देश सती सावित्री का ,सुर वीरों का व संतों का देश है. हमारे देश में व्यक्ति के चरण की पूजा नहीं हुई बल्कि मनुष्य के आचरण की पूजा हुई .आचरण से विहीन महा ज्ञानी रावण ब्राह्मण होते हुए भी राक्षस कहा गया .आचरण से संपन्न रैदास को संत रैदास,व्यास को महामुनि,वाल्मीकि को महर्षि कहा गया. इसलिए व्यक्ति को अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए।उन्होंने कहा कि श्री राम ने अपने जीवन में आदर्श और मर्यादा का पालन किया है.श्री राम ने किसी को आदेश नहीं दिया बल्कि आदेशो का पालन किया है.राम ने निवेदन किया है।ये है राम के आदर्श और मर्यादा.गुरु,माता ,पिता,संतो के आज्ञा का पालन कर प्रभु श्रीराम ने जग का कल्याण किया
मानस प्रिया ने कहा कि व्यक्ति को अपना हृदय निर्मल एवं पवित्र
रखना चाहिए क्योंकि पवित्र ह्रदय में प्रभु का निवास होता है व्यक्ति को दूसरों की निंदा से बचना चाहिए निंदा करने से पाप लगता है.हमारे शरीर से, मन से, वाणी से कोई त्रुटि ना हो जिससे परमात्मा हम से दूरी बना ले बड़ों की सेवा प्यार से प्रसंता बांटने से जीवन सुखमय हो जाता है।कथा में अमर नाथ पाण्डेय,गुलाब पाण्डेय,तेज प्रताप पाण्डेय दया नंद पाण्डेय,दिनेश पांडेय,राजेंद्र चौबे, अनिल अग्रवाल,संजय पाण्डेय,राजमणि पाण्डेय, कृष्णा चौधरी, रामचंद्र चौधरी,रंजीत विश्कर्मा,मनोज राम,विशाल पाण्डेय,अलख पाण्डेय,कंचन तिवारी सहित नरही,जासा ग्राम के महिला पुरुष बड़ी संख्या में उपस्थित थे।