जी.एस. कॉन्वेंट स्कूल में इन हाउस टिचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का तीसरा चरण सम्पन्न
शिक्षक पूरे मनोयोग से पढ़ाएं- अलखनाथ पाण्डेय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्थानीय जी.एन. कॉन्वेंट स्कूल में सीबीएसई के गाइडलाइन के आलोक में इन हाउस टिचर्स टेनिंग प्रोग्राम का तीसरा चरण सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि अलखनाथ पांडेय निदेशक आरके पब्लिक स्कूल सह समाजसेवी, निदेशक मदन प्रसाद केशरी, सचिव सुषमा केशरी, तथा समाजसेवी अजयकांत पाठक तथा उप प्राचार्य बसंत ठाकुर के द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर माँ सरस्वती एवं शहीद-ए-आजम भगत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि निरन्तर शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों को देखते हुए हमें भी अपने आप में बदलाव लाना परम आवश्यक है। जब तक नई विचारधाराओं के अनुरूप अपने आपको नहीं ढ़ालेंगे तब तक को उचित शिक्षा एवं मार्गदर्शन नहीं दे पाएगे। शिक्षक वर्ग बच्चों को पूरे मनोयोग से क्लास में शिक्षण कार्य करें। वहीं निदेशक मदन केशरी ने भगत सिंह के जन्मदिन पर कहा कि शिक्षक बच्चों को देशभक्ति औऱ आजादी के लिए होने वाले शहीदों की जानकारी नैतिक शिक्षा के माध्यम से दें। वहीं बच्चों के अंदर सहनशक्ति और समझशक्ति दोनों सोच को बढ़ाना जरूरी है। शिक्षक हर दिन सिखते हैं और सीख कर ही बच्चों को सिखाते हैं। मुख्यअतिथि ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदानों को सराहा। तनाव से मुक्ति के लिए बच्चों के बीच हास्य कहानियों चुटकुले, संगीत, नृत्य तथा खेलकूद भी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग शैक्षणिक गतिविधियों का ही अंग हैं। रिसोर्स पर्सन के रूप में शिक्षक उदय प्रकाश ने कहा कि किशोरावस्था में विभिन्न कारणों से उत्पन्न होने वाले 'तनावों को स्ट्रेस मैनेजमेंट टेकनिक के व्दारा कम किया जा सकता है। रिजवाना, शाहिन ने प्री-स्कूल टीचिंग परविस्तार से चर्चा करते हुए माता-पिता और बच्चों के बीच के संबंध पर प्रकाश डाला। सुनिता कुमारी ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज का युग टेक्नोलॉजी का है, इसके बिना सीखना और सीखाना सम्भव नहीं है। सीमा श्रीवास्तव ने वर्ग कक्ष में कहानी के माध्यम से भाषा शिक्षण जैसे गतिविधियों पर चर्चा की। शिक्षक संतोष प्रसाद ने गणितीय समस्याओं के समाधान में रणनीति के महत्व पर अपना विचार साझा किया। कार्यक्रम में उपस्थित विनय दुबे, संजीव कुमार, मुकेश भारती, खुर्शीद आलम, चमन भारती, नीराशमी, सरिता दुबे, सुषमा तिवारी, शिवानी कुमारी, आदि की भूमिका सराहनीय रही। मंच संचालन बीके ठाकुर ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन एन के सिन्हा ने की।