छात्र-छात्राएं मैट्रिक के परीक्षा दिन मध्यान भोजन से रह रहे वंचित,अभिभावकों ने किया नाराजगी व्यक्त exam

डंडई से संवाददाता बिंदु कुमार की रिपोर्ट

 तसरार में मध्य विद्यालय के 289 छात्र-छात्राएं मैट्रिक के परीक्षा दिन मध्यान भोजन से रह रहे वंचित,अभिभावकों ने किया नाराजगी व्यक्त ।

डंडई प्रखंड क्षेत्र के तसरार गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के वर्ग केजी से आठवीं तक के कुल 289 छात्र-छात्राओं को  शनिवार को मध्यान्ह भोजन से दूर रखा गया। वही कुल 319 छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन की क्रिया भी बंद रखी गई।जिसको लेकर विद्यालय के कई अभिभावकों ने नाराजगी व्यक्त किया है। उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक याकूब अंसारी का कहना है कि विद्यालय में झारखंड अधिविध परिषद रांची द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा के लिए इस विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया है जिसके कारण विद्यालय के छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन की क्रिया परीक्षा के दिन बंद रखी गई है। ऐसा निर्देश विभागीय मिला है। साथ ही उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय के वर्ग केजी से आठवीं तक के बच्चों के लिए मध्यान भोजन के लिए इस विद्यालय के नजदीक का  नव प्राथमिक विद्यालय पोखरिया में परीक्षा के दिन मध्यान भोजन संचालित किया जा रहा है। इधर नव प्राथमिक विद्यालय पोखरिया के प्रधानाध्यापक बाबूलाल सिंह ने बताया है कि मुझे उत्क्रमित मध्य विद्यालय तसरार की प्रधानाध्यापक याकूब अंसारी के द्वारा सूचित किया गया है कि हमारे 30 छात्र-छात्राओं का मध्यान भोजन आप बनवाना सुनिश्चित कर लेंगे। ऐसा विभागीय निर्देश प्राप्त हुआ है। बाबूलाल सिंह ने बताया कि जिसका मैं पालन करते हुए उनके 30 छात्र-छात्राओं का मध्यान भोजन बनवा रहे हैं। दोनों प्रधानाध्यापक के प्रतिक्रिया के बाद अस्पष्ट होता है कि 319 में से मात्र 30 ही छात्र-छात्राओं का मध्यान भोजन का प्रबंध नव प्राथमिक विद्यालय पोखरिया में किया गया है।
अब सवाल उठता है कि 289 छात्र-छात्राओं का मध्यान भोजन आखिर क्यों नहीं बन रहा है। आपको बता दें की जैक द्वारा आयोजित आठवीं बोर्ड की परीक्षा भी 13 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। अब ऐसे में आठवीं कक्षा की पढ़ाई वंचित रखना विभागीय लापरवाही को प्रदर्शित करता है। साथ ही आपको बता दें कि उत्कर्मित उच्च विद्यालय का नवनिर्मित भवन का 5 वर्ष पहले ही प्रधानाध्यापक को हैंड ओवर कर दिया गया है। लेकिन विभाग के घोर उदासीनता और प्रधानाध्यापक के लापरवाही के कारण नवनिर्मित भवन में  उच्च विद्यालय का पठन-पाठन नहीं कराया जा रहा है। विद्यालय भवन बनने के बावजूद भी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में ही उच्च विद्यालय का पठन-पाठन कराने से विभाग के द्वारा उक्त विद्यालय को ही परीक्षा केंद्र बना दिया गया। जिसके कारण वर्ग KG से आठवीं तक की पढ़ाई और मध्यान भोजन बंद रखा गया है। प्रधानाध्यापक के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति के लिए विद्यालय के नजदीक विद्यालय में मध्यान भोजन बनाने की बात कहीं जा रही है।

 मामले में डीएसई मिथिलेश केरकेट्टा ने बताया कि यदि बच्चे मध्यान भोजन से वंचित रह गए हैं और प्रभावित हो रहे हैं तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Latest News

क्षेत्र भ्रमण के क्रम में अवैध उत्खनन के मामले मिलने पर एसडीओ ने जताई नाराजगी Garhwa