श्री बंशीधर नगर: नहाए-खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ महापर्व शुरू, खरना कल
श्री बंशीधर नगर:-- हिन्दू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होने वाले लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाए खाए के साथ आज (शनिवार) से शुरू हो गया है। छठ महापर्व के लिए व्रतधारी अपने-अपने तैयारियां शुरू कर दी है। चैती छठ व रामनवमी को लेकर पूरा अनुमंडल क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। इस दौरान छठ व्रतधारियों ने पहले दिन घरों की साफ-सफाई के बाद स्नान कर पूरे विधि विधान के साथ भगवान भास्कर की आराधना की। तत्पश्चात कद्दू भात का प्रसाद बनाकर भगवान सूर्य को अर्पित करने के बाद व्रती खुद प्रसाद स्वरूक उसे ग्रहण किया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी कद्दू भात को भोजन स्वरूप प्रसाद ग्रहण किए। चैती छठ महापर्व को लेकर छठ व्रत धारियों के साथ-साथ लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। ऐसे तो कार्तिक माह में होने वाले छठ महापर्व को मुख्य माना जाता है इसमें अधिक लोग छठ पूजा करते हैं लेकिन चैत माह में होने वाले चैती छठ पर्व कम लोग करते हैं। छठ व्रतधारी कमला देवी ने बताया कि छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है। यह पर्व में पूरी तरह से स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखा जाता है।छठ व्रत अत्यंत ही पवित्र त्यौहार माना गया है, खासकर शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का व्रत है। उन्होंने बताया की चैती छठ में 36 घंटे का निर्जला उपवास करना काफी कठिन होता है क्योंकि अप्रैल माह में होने वाले छठ में भीषण गर्मी रहता है। वैदिक मान्यता है कि नहाय-खाय से सप्तमी के पारण तक उन भक्तों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है।इसी कारण इस व्रत को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। छठ महापर्व में भगवान सूर्य देव की आराधना की जाती है।
चैती छठ 2023 की तिथियां
25 मार्च, शनिवार: नहाय खाय,
26 मार्च, रविवार: खरना,
27 मार्च, सोमवार: डूबते सूर्य को अर्घ्य (शाम 06 बजकर 36 मिनट तक),
28 मार्च, मंगलवार: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, पारण के साथ व्रत का समापन