पातो के गौराही टोला में पानी की भारी किल्लत अभी से ही शुरू vishunpura

विशुनपुरा
 प्रखंड के पिपरी कला पंचायत के सुदूरवर्ती गांव पातो के गौराही टोला में पानी की भारी किल्लत अभी से ही शुरू हो गई है.
बताते चलें की प्रखंड में ईस वर्ष अनुमान से बहुत कम बारिस हुई है. जिसके चलते अभी से ही इस गांव के सभी नदी नाले सूखने लगे है.
चारों ओर से पहाड़ी के बीच बसे इस टोले में पर आदिम जनजाति कोरवा, परहिया व भुईयां जाती के लगभग 20 घरों के लगभग 80 लोग रहते है.
इस टोले पर लगभग 4 माह पूर्व सांसद के पहल पर चापाकल के लिए बोरिंग करवाई गई थी. लेकिन अभी तक बोरिंग में चापाकल नहीं लगाया गया. जिस कारण लोगों को पेयजल के लिए कच्चे कुंवा के गंदा पानी पीने को मजबूर है.
ग्रामीण दिनेश कोरवा, सुरेश कोरवा, वचनदेव कोरवा, लालती देवी, गोला कोरवा, राजाराम भुइयां, चंद्रदेव भुइयां, केश्वर भुइयां, पान कुंवर, मनिता देवी, पतिया देवी, सुलखनी देवी, राजेंद्र भुइयां, फुलवंती देवी, राम जन्म वियार, लालचंद वियार, संतोष भुइया ने बताया कि इस टोले में शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. हम सभी सालों भर कच्चे कुंवा से गंदा पानी पीते हैं. इससे लोगों को बीमार पड़ने की भी संभावना बनी रहती है. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में किसी तरह गंदे पानी को छानकर उपयोग करते हैं. लेकिन अब गर्मी के दिनों में नाले का पानी सूखने लगता है.
तब चुवांड़ी खोदकर अपनी प्यास बुझाते हैं.
 ग्रामीणों ने बताया कि प्येजल को लेकर जनप्रतिनिधि एवं प्रखंड में पदाधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई है. लेकिन किसी ने अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया.
ईधर प्येजल के भारी समस्याओं को देख सांसद कोटे से चार मांह पूर्व चापनल के लिए बोरिंग तो करायी गई. लेकिन ओ भी अब हांथी के दांत साबित हो रहा है. 
वही इस संबंध में पूछे जाने पर सांसद प्रतिनिधि पुलस्त्य शुक्ल ने बताया कि बोरिंग में चापाकल लगाने के लिए मिस्त्री को सामग्री उपलब्ध करा दी गई है. अगर अभी तक नहीं लगा है. तो जानकारी लेकर चापाकल लगवा दिया जाएगा।

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