मुक्ताकाश में आमजनों के द्वारा आयोजित मानस महायज्ञ की विराट कलशयात्रा संपन्न हो गई kandi

कांडी : सतबहिनी झरना तीर्थ के मुक्ताकाश में आमजनों के द्वारा आयोजित मानस महायज्ञ की विराट कलशयात्रा संपन्न हो गई। इस दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की जनमेदिनी ने 25 किमी की सैकड़ों वाहनों से यात्रा की। मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटनस्थल विकास समिति के तत्वावधान में आमजनों के द्वारा आयोजित 23वें मानस महायज्ञ की विराट कलशयात्रा में दस हजार की संख्या में कलशयात्रियों ने भाग लिया। विद्याकुंड अयोध्या के सिद्ध पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री प्रेमशंकर दास जी ने कलशयात्रा का नेतृत्व किया। सबसे पहले यज्ञ परिसर में यज्ञाचार्य पं. श्याम बिहारी वैद्य के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों की टोली द्वारा पूजा अर्चना के बाद प्रधान कलशों के साथ सभी कलशों का संकल्प कराया गया। इसके बाद माता महादुर्गा भगवती सतबहिनी को मत्था टेककर सबों ने प्रस्थान किया। इस दौरान सबसे आगे दोपहिया वाहनों का रैला, उसके बाद तीन पहिया व चार पहिया वाहनों की कई किमी लंबी कतार चल रही थी। सबलोग कतारबद्ध होकर श्री बजरंगबली मंदिर के सामने बुढ़ी खांड़ पावन सलिला कोयल व बायीं बा़ंकी नदी के संगम पर पहुंचे। वहां पवित्र जलधारा के निकट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वरुण देवता व गंगा पूजन के बाद सबसे पहले मुख्य यजमान कृष्णा शर्मा व धर्मपत्नी सुशीला देवी, हरिदास, सागर दास, मंजू देवी व किरण देवी ने प्रधान कलशों में जल भरा। तत्पश्चात सभी कलश यात्रियों ने अपने अपने कलशों में अभिमंत्रित जल भर वापस आकर यज्ञ मंडप में कलश स्थापित किया।
 इसी जल से यज्ञशाला में 33कोटि आवाहित देवशक्तियों की पूजा अर्चना की जाएगी। कलश स्थापना के बाद सभी कलशयात्रियों ने यज्ञ मंडप की पांच बार परिक्रमा की। महायज्ञ के अध्यक्ष महामंडलेश्वर जी महाराज की कुटिया प्रांगण में सभी कलशयात्रियों के बीच प्रसाद के रुप में अल्पाहार का वितरण किया गया। आगे के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सचिव ने कहा कि सात फरवरी की सुबह पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश व अरणी मंथन के साथ यज्ञारंभ हो जाएगा।
 इसी के साथ श्री राम चरित मानस नवाह्न पारायण पाठ व परिक्रमा प्रारंभ हो जाएगी। जबकि दोपहर से संध्या छह बजे तक विशिष्ट विद्वानों का प्रवचन होगा। पाठ व प्रवचन 15 फरवरी तक जारी रहेगा। 16 फरवरी को महायज्ञ की पूर्णाहुति, भंडारा एवं विद्वतजनों व साधु संतों की विदाई होगी। कलशयात्रा में मुख्य रुप से यज्ञाचार्य पं श्यामबिहारी वैद्य, पं आदित्य पाठक, पं इंद्रजीताचार्य, समिति के सचिव पं मुरलीधर मिश्र, उप सचिव सुदर्शन तिवारी, संयोजक प्रियरंजन सिन्हा, नवल किशोर तिवारी, रामजन्म पांडेय, वैद्यनाथ पांडेय, विनोद सिंह, गोरखनाथ सिंह, श्यामानंद पांडेय, सुखदेव साव, सुरेंद्र सिंह, लाला पांडेय, जय किशुन राम, डा प्रमोद कुमार सिंह, रमेश तिवारी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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