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नप अध्यक्ष ने महामहिम राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर कहा है कि आजादी के अमृत काल में भी पलामू प्रमंडल गुमनाम है

श्री बंशीधर नगर-नगर पंचायत अध्यक्ष विजया लक्ष्मी देवी ने महामहिम राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर कहा है कि आजादी के अमृत काल में भी पलामू प्रमंडल गुमनाम है.तत्कालीन बिहार प्रदेश कि शान  एवं शोहरत बटोरने वाली पलामू प्रमंडल झारखंड नवनिर्माण के 22 साल बाद भी गुमनाम है. उन्होंने कहा है कि वह पलामू जहां का नेतरहाट विद्यालय, राजहरा का विश्वविख्यात सर्वश्रेष्ठ कोयले की खदान, जपला का सीमेंट कारखाना तथा एशिया का सबसे बड़ा क्रशर प्लांट भवनाथपुर के टाउनशिप में एवं डोलोमाइट माइंस जहां दूसरे प्रदेशों व जिले के लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराता था ,तब जब आज के समय में पलामू की आबादी इसकी आधी थी. अब कारखाने दुगने होने चाहिए थे परंतु पलामू संसदीय क्षेत्र सहित सभी विधानसभा में कल कारखाने के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर के बावजूद सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैया की वजह से आज पलामू के लाखों लोग अन्य प्रांतों में अपने नौनिहाल बच्चों एवं बूढ़े मां बाप तथा खूबसूरत गांव परिवार को छोड़कर दो जून की रोटी के लिए गिड़गिड़ाते नजर आ रहे हैं. 80 के दशक में पलामू प्रमंडल में लगभग 10 बड़े डैम का निर्माण कराया गया था, वही भालकों के द्वारा सैकड़ों लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से खेतों की सिंचाई हो रही थी .अब जहां सिंचाई के साधन तीव्र गति से बढ़ना चाहिए था वहीं पुरानी व्यवस्था भी ध्वस्त होती गई, नतीजा लोग पलायन को मजबूर हो गए .पर्यटन के दृष्टिकोण से भी पलामू प्रमंडल पूरे प्रदेश में अपनी शोहरत के लिए प्रसिद्ध था. यहां का नेतरहाट विद्यालय, पलामू किला, बेतला नेशनल पार्क, सतबहिनी ,सुखलदरी, सहित कई झरने, विश्वविख्यात बंशीधर मंदिर ,गढ़ देवी मंदिर, मां उग्रतारा मंदिर हैदर नगर ,एवं केतार भगवती मंदिर सहित कई मंदिर विख्यात है .यहां प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक पहुंचते हैं इसके बावजूद भी इन क्षेत्रों का समुचित विकास नहीं हो पाने की वजह से आज पलामू प्रमंडल के लोग गरीबी और पलायन का दंश झेलने को मजबूर हैं. आज पलायन की पोल खुल चुकी है, पलामू के लाखो लाल अन्य प्रांतों में रह रहे हैं और हजारों लोग आज भी बाहर में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. पलामू प्रमंडल के शिक्षित वर्ग के लोग, पत्रकार बंधु ,समाजसेवी, जनप्रतिनिधियों, सरकार के उच्च अधिकारियों के सामने यह यक्ष प्रश्न है कि इतने संसाधनों, इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यवस्था के बावजूद लोग बाहर क्यों जाते है?क्या उन्हें यहां व्यवस्था नहीं दी जा सकती है,आखिर कब तक?
उन्होंने महामहिम राज्यपाल से  गुमनाम पलामू को नया पलामू बनाने का अनुरोध किया है.उन्होंने इस आशय की प्रति केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा व पलामू प्रमंडल के आयुक्त को भी प्रेषित किया है।

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