31 जनवरी तक ही आदमखोर तेंदुए को मारने का आदेश, अब मध्य प्रदेश से आयेगी एक्सपर्ट की टीम
¶¶लातेहार से सोनू कुमार की रिपोर्ट∆∆
((आदमखोर तेंदुआ))
{{आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व से मांगी मदद}}
रांची : गढ़वा जिले में आदमखोर तेंदुए को मारने का अधिकारिक आदेश मिला है लेकिन इसकी वैधता 31 जनवरी तक ही है। समय बीतता देख वन विभाग ने मध्य प्रदेश के संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व से आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए मदद मांगी है।नवाब शफत अली खान की टीम 3 जनवरी से कर रही कोशिश
पलामू वन परिक्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक कुमार आशुतोष ने बताया कि यदि तेंदुआ 31 जनवरी तक पकड़ा या मारा नहीं जाता है तो उसे एक बार फिर से मारने के लिए पीसीएफ वाइल्ड लाइफ से अनुमति मांगी जायेगी। फिलहाल विभाग ने संजय टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीम बुलायी है। उन्होंने बताया कि नवाब शफत अली खान की टीम तीन जनवरी से तेंदुए को पकड़ने के लिए डेरा डाले हुए है।अब चार किलोमीटर के दायरे में घूम रहा तेंदुआ
वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक रमकंडा और भंडरिया की सीमा पर कुशवार के इलाके में लगातार तेंदुए की लोकेशन मिल रही है। जनवरी के पहले सप्ताह तक गढ़वा के रंका, रमकंडा और भंडरिया के सीमावर्ती इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में तेंदुआ घूम रहा था। अब इसका दायरा घटकर चार किलोमीटर रह गया है।ट्रैकिंग कैमरे में अब तक कैद नहीं हो सकी तस्वीर
तेंदुए को पकड़ने के लिए 50 ट्रैकिंग कैमरे लगाये गये हैं। फिर भी अभी तक उसमें उसकी तस्वीर नहीं कैद हो पायी है। छह पिंजरे भी लगाये गये लेकिन अब तक वह फंसा नहीं है। हालांकि, उसके पंजों के निशान केज के बगल में पाये गये।
अब तक चार की ले चुका है जान
गौरतलब है कि आदमखोर तेंदुआ पिछले 37 दिनों से गढ़वा दक्षिणी मंडल के भंडरिया, रंका, रमकंडा प्रखंड और पलामू टाइगर रिजर्व के छीपादोहर में सक्रिय है। तेंदुए ने अब तक चार बच्चों को मार डाला है। इसमें गढ़वा में तीन और लातेहार में एक बच्चे की मौत हुई है। सभी की उम्र छह से 12 साल के बीच थी